< Back
Lead Story
कब है प्रबोधिनी एकादशी? जानिए इसका शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Lead Story

देवउठनी एकादशी 2024: कब है प्रबोधिनी एकादशी? जानिए इसका शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Jagdeesh Kumar
|
10 Nov 2024 9:37 AM IST

देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निंद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं।

सनातन धर्म में एकादशी तिथि का बड़ा महत्व होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे प्रबोधिनी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन तुलसी माता का भगवान शालीग्राम के साथ विवाह भी किया जाता है। हालांकि कुछ लोग द्वादशी तिथि को भी तुलसी विवाह कराते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवउठनी एकादशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निंद्रा से जागते हैं और सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं।

कब है देवउठनी एकादशी?

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर 2024 को शाम 06.46 मिनट पर शुरू होगी जो कि अगले दिन 12 नवंबर 2024 की शाम 04.04 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा।

मान्यता अनुसार कुछ लोग देवउठनी एकादशी की शाम को तुलसी और शालीग्राम जी के विवाह की परंपरा भी निभाते हैं।

देवउठनी एकादशी की पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर स्नानध्यान करें।
  • उसके बाद मंदिर की साफ सफाई करें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को आसन प्रदान करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं, फल - फूल, मिठाई और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
  • भगवान विष्णु के ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय या कोई अन्य मंत्र जपें, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और आरती करें।
  • रात में भजन कीर्तन के साथ पूजा पाठ करें और फिर प्रसाद ग्रहण कर व्रत तोड़ें।
Similar Posts