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क्या रोजाना खर्राटे लेते है आप, सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है साबित, जानिए फैक्ट
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क्या रोजाना खर्राटे लेते है आप, सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है साबित, जानिए फैक्ट

Deepika Pal
|
11 Jun 2024 7:35 PM IST

रोजाना खर्राटे लेने की आदत आपकी सेहत पर बुरा असर डालने के लिए जिम्मेदार होती है। आंकड़ों में माना गया है कि, हमारे देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं।

Health Effects: हर कोई सोते समय भरपूर नींद तो लेने की कोशिश करते है लेकिन आसपास किसी न किसी सदस्य के खर्राटे की आवाज नींद में खलल डाल ही देती हैं। या फिर आपकी भी रोजाना खर्राटे लेने की आदत आपकी सेहत पर बुरा असर डालने के लिए जिम्मेदार होती है। आंकड़ों में माना गया है कि, हमारे देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित हैं जो खर्राटे लेने से जुड़ी स्वास्थ्य समस्या है। चलिए अच्छे से समझते हैं ये बात

खर्राटे की वजह से यह समस्या हो सकती हैं जो आम

अगर आप खर्राटे रात के समय ज्यादा लेते है तो यह नुकसान पहुंचाने का काम करते है इससे आपको इस प्रकार की हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं जो इस प्रकार हैं..

स्लीप एपनिया - खर्राटे की वजह से आपकी नींद के घंटे प्रभावित हो सकते है इसके लिए आपको स्लीप एपनिया भी हो सकता है।

हाइपरटेंशन

नींद के दौरान लंबे समय तक खर्राटे लेते हैं, उन्हें हाइपरटेंशन या हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा ज़्यादा होता है। बता दें कि, 83% पुरुषों और 71% महिलाओं में यह समस्या होती हैं।

हार्ट अटैक

नींद के दौरान खर्राटे लेने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।लंबे समय तक खर्राटे लेने से कुछ स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

ब्रेन स्ट्रोक

नींद की कमी का खतरा अक्सर ब्रेन स्ट्रोक को जन्म देता है।डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियाँ होने लगती हैं. यह समस्या बढ़ती जाती है और आखिर में मरीज को ब्रेन स्ट्रोक को जन्म देती हैं ।

जानिए कैसे करे बचाव

अगर आप या आपका कोई खर्राटे की समस्या से परेशान है तो इस तरह से बचाव कर सकते हैं...

वजन कम करना जरूरी

खर्राटे की समस्या को कम करने के लिए आप सबसे पहले मोटापे को कम करें तो अच्छा है। वजन कम करने से यह समस्या अपने आप कम हो जाती है।

2- वर्कआउट से समस्या होगी दूर

खर्राटे की समस्या को दूर करने के लिए आप वर्कआउट का तरीका अपना सकते है। मुंह और गले के व्यायाम, जिन्हें ऑरोफरीन्जियल मांसपेशियों के वर्कआउट के रूप में जाना जाता है, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सुधार कर सकते हैं और खर्राटों को कम कर सकते हैं।

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