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100 से ज्य़ादा हिंदू लड़कियों के बलात्कार का आरोपी है चिश्ती परिवार

फारूक और नफीस चिश्ती 

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100 से ज्य़ादा हिंदू लड़कियों के बलात्कार का आरोपी है चिश्ती परिवार

स्वदेश डेस्क
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12 July 2022 12:41 PM IST

नूपुर शर्मा के गला काटने की धमकी देने वाले खादिम का हिंदू विरोधी परिवार

अजमेर/वेबडेस्क। अजमेर में बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा का गला काटने पर मकान का वादा करने वाले चिश्ती परिवार के सलमान चिश्ती (Salman Chisti) को बेशक पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन चिश्ती परिवार के कई लोग इलाके के हिस्ट्रिशीटर होने के साथ साथ अजमेर में 100 से ज्य़ादा लड़कियों के रेप के गुनाहगार भी हैं।

दरअसल अप्रैल 1992 को राजस्थान के अजमेर शहर को एक अखबार दैनिक नवज्योति (Navjyoti News Paper) ने एक खोज़ी ख़बर प्रकाशित की थी, जिसमें चिश्ती परिवार के कुछ प्रभावशाली लड़कों ने शहर की हिंदू लड़कियों के साथ बलात्कार के बारे में पूरी खोज छापी थी। ये लड़कियां एक दो नहीं, बल्कि 100 से ज्य़ादा थी। उस समय अजमेर के सबसे रईस और ताकतवर खानदानों में से एक चिश्ती परिवार था। यह चिश्ती परिवार अजमेर के ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के खादिम हुआ करते हैं। खादिम परिवार के लड़के फारूक चिश्ती और नफीस चिश्ती ने ये बलात्कार किए थे, उस समय दोनों यूथ कांग्रेस के प्रभावी नेता भी थे।

जिस सलमान चिश्ती ने नूपुर शर्मा का गला कलम करने वाले को मकान देने का वादा किया है, वो खुद भी इसी परिवार का ही हिस्सा है और इसके खिलाफ कई मुकदमें थाने में दर्ज हैं।स्कूल की बच्चियों के साथ बलात्कार करने वाला नफीस चिश्ती भी हिस्ट्रीशीटर है, जोकि अभी जमानत पर जेल से बाहर है। फारूक समेत पांच आरोपियों के साथ उस पर भी 1992 अजमेर ब्लैकमेल कांड में पॉक्सो कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है।

कैसे करते थे बलात्कार

अजमेर के ख्वाजा मुइनिद्दीन चिश्ती दरगाह के खादिम के तौर चिश्ती परिवार के लड़कों ने 100 से ज्यादा स्कूल-कॉलेज जाने वाली हिंदू लड़कियों के जोर जबरदस्ती और अपने दंबगई के दम पर बलात्कार किए। इन लड़कियों के वीडियो और फोटो भी बनाए गए, ताकि ये अपना बलात्कार कराने आती रहें और अपनी सहेलियों को भी चिश्ती परिवार के फार्म हाउस पर लाती रहें।वह जमाना रील को साफ करके फोटो बनाने वाला था। जिस लैब में लड़कियों की नंगे बदन की रील निकाली जाती थी, वो भी लड़कियों का रेप करने लगा, बाद में इस चेन में कई और भी शामिल हो गए और इस दलदल में फंसी लड़कियों का महीनों तक रेप होता रहा।

अजमेर दरगाह से जुड़े परिवार के लड़के थे मुख्य आरोपी

दरगाह के खादिम होने के कारण इस परिवार के पास बहुत पैसा था, धार्मिक, सामाजिक रसूख भी था। साथ ही ये कांग्रेस से जुड़े हुए भी थे। मुख्य आरोपियों में दो फारूक चिश्ती और नफीस यूथ कांग्रेस के प्रभावशाली नेता थे। उनके पास रॉयल एनफिल्ड बुलेट, येज्दी और जावा जैसी बाइक हुआ करती थीं, जोकि इन दरिंदों को स्थानीय स्तर पर वो मशहूर हस्ती बनाती थी। लड़कियों को इंप्रेस करने के लिए ये अपनी खुली जीप, एंबेसडर और फिएट कार में टहलने निकलते थे। इन दरिंदों का शिकार हुईं कई लड़कियां बड़े ही अच्छे घरानों से आती थीं, जिनके परिवार के लोग सरकारी नौकरी में थे।

तस्वीरें-वीडियो बनाकर करते थे ब्लैकमेल

2003 में एक पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में इनके जाल में फंसने की कहानी भी बताई, उसने बताया कि नफीस और फारूक उनसे कई बार मिले, कई बार वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ भी इन दोनों से मिली। एक बार जब वो बस स्टैंड जा रही थीं तभी मारुति में नफीस और फारूक ने उन्हें कांग्रेस में एक बड़ा प्रॉजेक्ट दिलाने के लिए कहा था। इन दोनों के सहयोगी सैयद अनवर चिश्ती ने लड़की को कांग्रेस दफ्तर से एक फॉर्म लाकर भी दिया। फिर एक दिन जब वो स्कूल जा रही थीं तब नफीश और फारूक ने उन्हें अपनी गाड़ी से स्कूल छोड़ने को कहा। तब तक उनकी अच्छी जान-पहचान हो चुकी थी और वो लड़की मान गईं। लेकिन ये दोनों गाड़ी स्कूल नहीं जाकर एक फार्महाउस पर ले गए जहां इन्होंने उस लड़की के साथ बलात्कार किया।

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