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Lead Story
Bhimkund: मध्य प्रदेश के इस जिले में स्थित है रहस्यमयी कुंड, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास , जानिए
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Bhimkund: मध्य प्रदेश के इस जिले में स्थित है रहस्यमयी कुंड, महाभारत काल से जुड़ा है इतिहास , जानिए

Deepika Pal
|
26 May 2024 6:28 PM IST

आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में रहस्यमयी भीमकुंड (Bhim kund )के बारे में जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।

Bhimkund MP Tourism: भारत का दिल यानी मध्य प्रदेश (MP Tourism)यहां पर आपको देखने के लिए एक से बढ़कर एक संस्कृतियों का भंडार मिलेगा तो वही हर एक पर्यटक स्थल किसी खास चीज के लिए प्रसिद्ध है। आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में रहस्यमयी भीमकुंड (Bhim kund )के बारे में जिसका इतिहास महाभारत काल से जुड़ा है।

जानिए कहां स्थित है यह कुंड

यह कुंड मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से करीब 70 किमी दूर स्थित बाजना में स्थित है जिसकी मान्यता हर हर जगह फैली हुई है जहां पर इसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं। कहते हैं कि इस कुंड का निर्माण भीम की गदा से हुआ था इसल‍िए इसे भीमकुंड के नाम से जाना जाता है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि इस कुंड का पानी बिल्कुल नीला और साफ है। ऐसा भी माना जाता है कि इस कुंड की गहराई में कुएं जैसे दो बड़े छिद्र हैं, एक में बहुत तेजी से पानी आता है और दूसरे से वापस चला जाता है।

जानिए कौन से जुड़ी पुरानी कथा

इस भीमकुंड से जुड़ी पौराणिक कथा महाभारत से ली गई है।अज्ञातवास के दौरान पांच पांडव वन से जा रहे थे, उसी समय द्रौपदी को प्यास लगी तो पांचों भाइयों ने आसपास पानी की तलाश की, लेकिन कहीं भी उन्हें पानी नहीं मिला। इसके बाद धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने भाई नकुल को कहा कि वे पता लगा सकते हैं कि धरती में पानी कहां है? ऐसे में नकुल ने भाई की आज्ञा पर धरती से निकलने वाले पानी के स्त्रोत के बारे में पता किया। लेकिन समस्या ये थी कि पानी निकाला कैसे जाएतभी भीम ने अपनी गदा उठाई और नकुल के बताए गए स्थान पर प्रहार किया। उनकी गदा के प्रहार से धरती में बहुत गहरा छेद हो गया और पानी दिखाई देने लगा। लेकिन कथा के अनुसार, भूमि की सतह से जल स्रोत लगभग तीस फीट नीचे था । इस स्थिति में युधिष्ठिर ने अर्जुन से कहा कि अब तुम्हें अपनी कौशल से जल तक पहुंच मार्ग बनाना होगा। ऐसे में अर्जुन ने अपने बाणों से जल स्रोत तक सीढ़‍ियां बना दीं । धनुष की सीढ़‍ियों से द्रौपदी को जल स्रोत तक गईं।

गुफा में बसा है कुंड

यहां पर भीमकुंड का लेकर कहे तो यह कुंड गुफा के अंदर बसा है। नीचे जाने के लिए सीढ़ियां बनी हुई है जिसके चारों ओर पत्थर ही पत्थर नजर आते हैं। यहां का नजारा देखते ही बनता है तो वही के कुंड के ठीक ऊपर बड़ा सा कटाव है जिसमे से सूर्य की किरणें कुंड के पानी पर पड़ती हैं। सूर्य की किरणों से इस जल में अनेक इंद्रधनुष उभर आते हैं। भीम कुंड के प्रवेश द्वार तक जाने वाली सीढ़ियों के ऊपरी सिरे पर चतुर्भुज विष्णु तथा लक्ष्मी का विशाल मंदिर बना हुआ है।भीम कुंड एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जो व्यक्ति को इस लोक और परलोक दोनों के आनंद की अनुभूति कराता है।

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