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Bulldozer Action: "मंदिर हो या दरगाह...सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि", बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

Gurjeet Kaur
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1 Oct 2024 1:06 PM IST

नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन (Bulldozer action) पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि, "मंदिर हो या दरगाह...सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है।" अदालत ने यह भी कहा कि, "हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। यह (बुलडोजर एक्शन पर रोक का आदेश) पूरे देश के लिए होगा।"

सुप्रीम कोर्ट ने आज (1 अक्टूबर) अपराध के आरोपी व्यक्तियों के घरों के संबंध में अधिकारियों द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई का विरोध करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं। एसजी तुषार मेहता तीन राज्यों - उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर से पेश हुए थे।

तुषार मेहता ने कहा, संकेत दिया गया है कि दिशा-निर्देश पूरे भारत में तैयार किए जाएंगे...मेरे पास कुछ सुझाव हैं। अधिकांश चिंताओं का समाधान किया जाएगा। केवल इसलिए कि किसी व्यक्ति पर अपराध में शामिल होने का आरोप है, उसे ध्वस्त करने का आधार नहीं बनाया जा सकता। इस पर जस्टिस गवई ने कहा, भले ही उसे दोषी ठहराया गया हो, क्या यह आधार हो सकता है? जवाब में एसजी ने कहा - नहीं।

एसजी तुषार मेहता ने कहा, "बहुत सी चिंताओं में से एक यह थी कि नोटिस जारी किया जाना चाहिए...अधिकांश नगरपालिका कानूनों में, जिस विषय पर वे काम कर रहे हैं, उसके आधार पर, नोटिस जारी करने का प्रावधान है। माननीय न्यायाधीश महोदय, कृपया पढ़ें कि नोटिस पंजीकृत डाक के माध्यम से जारी किया जाना चाहिए

एसजी ने आगे कहा कि, नोटिस केवल कानून के उल्लंघन के लिए ही जारी किए जाने चाहिए।

जस्टिस गवई ने कहा एक राज्य में भी अलग-अलग कानून होंगे।

जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि, एक ऑनलाइन पोर्टल भी हो सकता है। इसे डिजिटाइज़ करें। इससे अधिकारी की भी सुरक्षा होगी।

जस्टिस गवई ने कहा कि, यह हमने स्पष्ट कर दिया है। अगर यह सार्वजनिक सड़क, जल निकाय, रेलवे लाइन है...चाहे वह मंदिर हो, दरगाह हो, उसे हटाया जाना ही होगा...सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है।

जस्टिस गवई ने आगे कहा, नोटिस की वैध सेवा होनी चाहिए। पंजीकृत एडी के माध्यम से। नोटिस चिपकाने की यह बात खत्म हो जाएगी। डिजिटल रिकॉर्ड होना चाहिए। अधिकारी भी सुरक्षित रहेंगे।

जस्टिस गवई ने यह भी कहा कि, हम पर्याप्त आवास समस्या से चिंतित नहीं हैं। केवल अनधिकृत निर्माण से चिंतित हैं।

बता दें कि, पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि, पूरे देश में बुलडोजर एक्शन पर अंतरिम रोक लगाई जा रही है। इसके अलावा अदालत ने बुलडोजर एक्शन पर एक गाइडलाइन लागो करने की भी बात कही थी जो पूरे देश में लागू की जाएगी।

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