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लालू यादव ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित, कल रिलेशनशिप को लेकर मचा था बवाल
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Tej Pratap Expels: लालू यादव ने तेज प्रताप को 6 साल के लिए पार्टी से किया निष्कासित, कल रिलेशनशिप को लेकर मचा था बवाल

Deeksha Mehra
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25 May 2025 3:24 PM IST

Lalu Yadav Expels Tej Pratap from Party : पटना। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय तेजप्रताप द्वारा अपनी गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ सोशल मीडिया पर रिलेशनशिप की घोषणा और उसके बाद उत्पन्न विवाद के बाद लिया है।

तेजप्रताप ने पहले अनुष्का के साथ तस्वीरें शेयर कीं, लेकिन बाद में दावा किया कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि RJD की छवि पर भी सवाल उठाए, जिसके बाद लालू यादव ने सख्त कदम उठाया।

निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना

लालू यादव ने अपने बयान में कहा, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के संघर्ष को कमजोर करता है। तेजप्रताप की गतिविधियां, लोक आचरण, और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं हैं।"

उन्होंने स्पष्ट किया कि तेजप्रताप को पार्टी और परिवार से पूरी तरह अलग किया जा रहा है, और अब उनकी RJD में कोई भूमिका नहीं होगी। लालू ने यह भी चेतावनी दी कि तेजप्रताप से संबंध रखने वाले लोग अपने विवेक से निर्णय लें, क्योंकि वह अपने निजी जीवन के फैसले खुद लेने में सक्षम हैं।


तेजस्वी यादव ने किया समर्थन

लालू के छोटे बेटे और RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "तेजप्रताप एक वयस्क हैं और अपने निजी जीवन के फैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं। मैं पार्टी अध्यक्ष लालू यादव के निर्णय के साथ हूं।" तेजस्वी ने जोर देकर कहा कि तेजप्रताप का व्यवहार पार्टी के सामाजिक मूल्यों और छवि के अनुरूप नहीं था।

सोशल मीडिया विवाद

तेजप्रताप ने हाल ही में अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें शेयर कर अपने रिलेशनशिप की घोषणा की थी। हालांकि, इसके बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट को कई बार एडिट किया। इसके बाद दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हो गया था। इस घटना ने RJD के भीतर और बाहर हलचल मचा दी। लालू यादव ने इसे पार्टी के नैतिक मूल्यों और सामाजिक न्याय के लिए उनके संघर्ष के खिलाफ माना।


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