< Back
विदेश
प्रधानमंत्री प्रचण्ड के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी तक फैसला टाला
विदेश

प्रधानमंत्री प्रचण्ड के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 5 जनवरी तक फैसला टाला

Bhopal Desk
|
7 Dec 2023 10:59 PM IST

प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के खिलाफ सात साल पुराने अदालत के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला एक बार फिर टाल दिया है। दो महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 07 दिसम्बर को इस मामले में फैसला सुनाने की तारीख मुकर्रर की थी।

काठमांडू । प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के खिलाफ सात साल पुराने अदालत के अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला एक बार फिर टाल दिया है। दो महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने 07 दिसम्बर को इस मामले में फैसला सुनाने की तारीख मुकर्रर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने गत 24 सितम्बर को अदालत अवमानना मामले का पुरानी फाइल खोलते हुए 07 दिसम्बर को अंतिम फैसला सुनाने की तारीख तय की थी। प्रधानमंत्री प्रचण्ड के खिलाफ दायर इस रिट पर आज ही फैसला आना था लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने 05 जनवरी 2024 तक के लिए इस फैसले को स्थगित कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ईश्वर प्रसाद खतिवडा और कुमार रेग्मी की संयुक्त बेंच इस मामले की सुनवाई करते हुए 7 दिसम्बर को फैसले का दिन निश्चित किया था लेकिन आज इन्हीं दोनों न्यायाधीशों ने फैसले को टाल दिया। प्रचण्ड के खिलाफ अवमानना मामले में रिट दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने अदालत पर जानबूझकर फैसले में ढिलाई बरतने का आरोप लगाया है।

यह मामला 2016 का है जब प्रचण्ड ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अदालत के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। माओवादी पार्टी के अध्यक्ष समेत रहे प्रचण्ड ने अपनी पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ फैसला सुनाने को लेकर टिप्पणी करते हुए अदालत पर शांति प्रक्रिया को भंग करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। प्रचण्ड ने उस समय कहा था कि सुप्रीम कोर्ट माओवादी के खिलाफ है और राजनीतिक दलों के साथ हुए विस्तृत शांति समझौते को तोड़ने के भयंकर षडयंत्र में सक्रिय है।

प्रचण्ड ने ऐसे ही एक अन्य कार्यक्रम में कहा था कि यदि इसी तरह अदालत उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करता रहा और फैसले सुनाता रहा तो माओवादी पार्टी उनके किसी फैसले को नहीं मानेगी और अदालत के खिलाफ सड़कों पर जनअदालत चलाएगी जिसमें सभी न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। न्यायाधीशों को धमकी देते हुए प्रचण्ड ने यहां तक कह दिया था कि माओवादी पार्टी के लड़ाकुओं ने बंदूक रखा है, चलाना नहीं भूला है।

प्रचण्ड के इसी अभिव्यक्ति के खिलाफ अधिक्ता दिनेश त्रिपाठी ने अवमानना का मुकदमा दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट में पिछले सात सालों से यह मुकदमा लम्बित है। उम्मीद थी कि इस पर आज फैसला आ सकता है लेकिन फैसला को एक महीने के लिए स्थगित कर दिया गया। नेपाल के कानून के मुताबिक यदि प्रचण्ड दोषी करार दिए जाते हैं तो उनका प्रधानमंत्री का पद स्वत: चला जाएगा।

Similar Posts