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विदेश
राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी चुनाव में रूस द्वारा ट्रंप की मदद के लिए जताई आपत्ति
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राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी चुनाव में रूस द्वारा ट्रंप की मदद के लिए जताई आपत्ति

स्वदेश डेस्क
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18 March 2021 1:26 PM IST

वाशिंगटन। अमेरिकी चुनाव में रूस द्वारा ट्रंप की मदद किये जाने को लेकर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। यह मामला अमेरिका की खुफिया विभाग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद आया है। रिपोर्ट में अमेरिका में साल 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर मतदाताओं को प्रभावित करने का आरोप है। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि पुतिन को चुनाव में दखलंदाजी का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। एबीसी को दिए साक्षात्कार में बाइडन ने कहा कि उन्होंने किया है, इसकी कीमत वही चुकाएंगे।

वहीं रूस ने अमेरिका की खुफिया विभाग की रिपोर्ट का खंडन किया है। रूस ने कहा है कि यह पूरी तरह गलत है कि पुतिन का इन साजिशों में कोई हाथ था। अमेरिका में रूसी दूतावास ने कहा कि ऐसे आरोप हमारे देश की छवि खराब करने का प्रयास हैं। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इशारे पर वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की गई थी।रूसी खुफिया एजेंसी ने ट्रंप के सहयोगियों के साथ मिलकर जो बाइडन के खिलाफ यूक्रेन से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों को मजबूती देने का प्रयास किया था। हालांकि अमेरिका की पूरी चुनाव प्रक्रिया में कोई दखलंदाजी नहीं हो सकी।

रिपोर्ट के अनुसार रूस की इस चुनाव में प्रमुख रणनीति जो बाइडन के खिलाफ वोटरों को प्रभावित करने की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वोटरों को प्रभावित करने के लिए रूस ने खुफिया विभाग के संपर्क में रहने वाले अमेरिकी मीडिया संगठनों, अधिकारियों, प्रमुख लोगों और कुछ ऐसे लोग, जो ट्रंप के करीबी थे, इन सभी को माध्यम बनाया। रूस का मकसद जो बाइडन के खिलाफ भ्रामक और बेबुनियाद आरोपों को मजबूती देने का प्रयास था।

इसमें ट्रंप के वकील रूडी गिउलियानी ने प्रमुख भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी वोटरों को प्रभावित करने के लिए इन कोशिशों के पीछे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशन में ही पूरा काम चल रहा था। ईरान और चीन ने भी अपनी तरह से वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की थी। इसके लिए हैकरों का भी इस्तेमाल किया गया था।

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