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मालाबार युद्धाभ्यास में किस तरह साथ गरजे भारत और अमेरिकी लड़ाकू विमान
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मालाबार युद्धाभ्यास में किस तरह साथ गरजे भारत और अमेरिकी लड़ाकू विमान

Swadesh Digital
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20 Nov 2020 12:12 PM IST

अरब सागर और हिंद महासागर में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मालाबार युद्धअभ्यास ने चीन की टेंशन बढ़ा दी है। शुक्रवार को सामने आए वीडियोज में भारतीय नेवी के मिग 29 और अमेरिकी नेवी के एफ-18 लाड़ूक विमान जमीनी सेना पर हमले का युद्धाभ्यास करते दिख रहे हैं। लड़ाकू विमान भारतीय विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य से उड़ान भरते और लैंडिंग करते हुए देखे जा सकते हैं।

मालाबार युद्धाभ्यास के कुछ दृश्य सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भारतीय नेवी ने कहा, ''भारतीय नौसेना का मिग 29 और अमेरिकी F-18 इंडियन नेवी के मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट P-8I और यूएस नेवी के SEW एयरक्राफ्ट E2C से एक साथ उड़े।''

मालाबार नेवी अभ्यास के दूसरे चरण की शुरुआत उत्तरी अरब सागर में 17 नवंबर को हुई थी। इस अभ्यास में दो विमानवाहक पोत और कुछ अग्रिम पोत, पनडुब्बियों और समुद्री टोही विमानों को भी शामिल किया गया है। चार दिवसीय अभ्यास में भारतीय नौसेना का विक्रमादित्य पोत युद्धक समूह और अमेरिकी नौसेना का निमित्ज स्ट्राइक ग्रुप भी भागीदारी कर रहा है। यूएसएस निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत है। ऑस्ट्रेलियाई नौसेना ने अपना पोत एचएमएएस बैलरेट तैनात किया है जबकि जापान की नौसेना ने विध्वंसक पोत जेएस मुरासमे को भेजा है।

मालाबार अभ्यास का पहला चरण 3 से 6 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में आयोजित हुआ था और इस दौरान पनडुब्बी रोधी और हवाई युद्धक क्षमता समेत कई जटिल अभ्यास किए गए। यह बड़ा अभ्यास ऐसे वक्त हो रहा है, जब पूर्वी लद्दाख में पिछले छह महीने से भी अधिक समय से भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध चल रहा है। अधिकारियों ने कहा कि 'क्वाड या चार देशों के गठबंधन के तहत चारों देशों की नौसेनाएं आपस में समन्वय से जटिल अभ्यास कर रही हैं।

विमानवाहक पोत विक्रमादित्य और उसके लड़ाकू और हेलिकॉप्टर वायु शाखा के अलावा भारतीय नौसेना ने विध्वंसक पोत कोलकाता और चेन्नई, दुश्मनों को चकमा देने में सक्षम पोत तलवार और बेड़े की मदद करने वाले जहाज दीपक को भी इस अभ्यास में शामिल किया है। चीन मालाबार अभ्यास को संदेह की नजर से देख रहा है क्योंकि उसे लगता है कि यह वार्षिक अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को रोकने की कोशिश है।

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