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पाकिस्तान से आजाद हुआ बलूचिस्तान! लेखक मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र और भारत से मांगी मान्यता

Balochistan freed from Pakistan Writer Mir Yar Baloch seeks recognition from the United Nations and India

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Balochistan: पाकिस्तान से आजाद हुआ बलूचिस्तान! लेखक मीर यार बलूच ने संयुक्त राष्ट्र और भारत से मांगी मान्यता

Gurjeet Kaur
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14 May 2025 7:23 PM IST

Balochistan : 14 मई को बलूचिस्तान ने खुद को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया है। बलूच लेखक मीर यार बलूच ने पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आज़ादी की घोषणा की है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और भारत से मान्यता मांगी है। उन्होंने नई दिल्ली में दूतावास खोले जाने की मांग उठाई है।

बलूच प्रतिनिधि मीर यार बलूच (Mir Yar Baloch) ने बुधवार को क्षेत्र में दशकों से हो रही हिंसा, जबरन गायब किए जाने और मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए पाकिस्तान से आजादी की घोषणा की। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि, बलूचिस्तान के लोगों ने अपना “राष्ट्रीय फैसला” दे दिया है और दुनिया को अब चुप नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, "तुम मरोगे हम हारेंगे, हम नाक से बचेंगे, आओ हमारा साथ दो। पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में बलूच लोग सड़कों पर हैं और यह उनका राष्ट्रीय फैसला है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है और दुनिया अब मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकती।"

उन्होंने भारतीय नागरिकों, खासकर मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से बलूचों को "पाकिस्तान के लोग" कहने से बचने का आग्रह किया। बलूच नेता ने कहा, "बलूच नैरेटिव!! प्रिय भारतीय देशभक्त मीडिया, यूट्यूब के साथियों, भारत की रक्षा के लिए लड़ने वाले बुद्धिजीवियों को सुझाव दिया जाता है कि वे बलूचों को 'पाकिस्तान के लोग' न कहें। हम पाकिस्तानी नहीं हैं, हम बलूचिस्तानी हैं। पाकिस्तान के अपने लोग पंजाबी हैं, जिन्होंने कभी हवाई बमबारी, जबरन गायब किए जाने और नरसंहार का सामना नहीं किया।"

मीर यार बलूच ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओजेके) पर भारत के रुख के लिए भी पूरा समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान पर इस क्षेत्र को खाली करने के लिए दबाव डालने का आग्रह किया। मीर यार ने कहा, "14 मई 2025- बलूचिस्तान भारत द्वारा पाकिस्तान को पीओके खाली करने के लिए कहने के फैसले का पूरा समर्थन करता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान से तुरंत पीओके छोड़ने का आग्रह करना चाहिए ताकि ढाका में उसके 93,000 सैन्यकर्मियों को आत्मसमर्पण के एक और अपमान से बचाया जा सके। भारत पाकिस्तानी सेना को हराने में सक्षम है और अगर पाकिस्तान ने कोई ध्यान नहीं दिया तो केवल पाकिस्तानी लालची सेना के जनरलों को ही रक्तपात के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए क्योंकि इस्लामाबाद पीओके के लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है।" उन्होंने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए भारत और वैश्विक समुदाय से मान्यता और समर्थन का भी आह्वान किया।

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