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केंद्र सरकार ने दी 8वें वेतन आयोग को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं सिफारिशें!
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केंद्र सरकार ने दी 8वें वेतन आयोग को मंजूरी, 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं सिफारिशें!

Swadesh Bhopal
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29 Oct 2025 8:44 AM IST

50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनधारकों को लाभ

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है। तीन सदस्यीय यह आयोग 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा। इससे लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनधारकों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सरकार ने जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की थी, लेकिन अब जाकर इसका औपचारिक गठन किया गया है। बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ रेफरेंस (Terms of Reference) को मंजूरी दे दी है।

पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई होंगी अध्यक्ष

इस आयोग की अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई होंगी। आईआईएम बैंगलुरु के प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य के रूप में शामिल होंगे, जबकि पंकज जैन, जो वर्तमान में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय में सचिव हैं, आयोग के सदस्य सचिव होंगे।यह आयोग एक अस्थायी संस्था होगी और गठित होने की तिथि से 18 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। जरूरत पड़ने पर आयोग बीच में भी अंतरिम रिपोर्ट सौंप सकता है।

8वां केंद्रीय वेतन आयोग क्या है?

केंद्रीय वेतन आयोग समय-समय पर गठित किए जाते हैं ताकि केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे, सेवा शर्तों, और पेंशन लाभों की समीक्षा की जा सके। आयोग देश की आर्थिक स्थिति, वित्तीय अनुशासन, और विकास कार्यों के लिए संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए आवश्यक बदलावों की सिफारिश करता है।आमतौर पर, वेतन आयोग की सिफारिशें हर 10 साल में लागू होती हैं। इस हिसाब से, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है।

आयोग किन बातों पर करेगा ध्यान

देश की आर्थिक स्थिति और वित्तीय अनुशासन की आवश्यकता

विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त संसाधन

गैर-योगदानकारी पेंशन योजनाओं पर बढ़ते खर्च का आकलन

सिफारिशों का राज्य सरकारों के बजट पर संभावित असर

केंद्रीय उपक्रमों और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन एवं कार्य स्थितियों की तुलना

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