< Back
गुना
प्रचंड झड़ : सड़कें छलनी, मकानों को लगाए टेके
गुना

प्रचंड झड़ : सड़कें छलनी, मकानों को लगाए टेके

Swadesh News
|
6 Aug 2021 7:15 PM IST

गुना/राजगढ़/श्याम चोरसिया। पिछले 15 दिनों से हो रही कभी सामान्य तो कभी मूसलधार बारिस के तांडव ने पुल, पुलियाओं,तालाबो के निर्माण मे बरती गई तकनीकी खामियों ओर घटियापन,साठगांठ की कलाई खोल दी। करोडो की लागत से निर्मित सड़के/राज मार्ग/ राष्ट्रीय राज मार्ग भी साबुत, टनाटन नही बचे। वे भी जगह जगह से दरक गए। छलनी हो गए। कदम कदम हो चुके गहरे गड्ढे से साबित करते है कि गद्दों में सड़क है या सड़क में गड्ढे है? लोक परिवहन जानलेवा हो जाने से आए दिन भीषण दुर्घटनाएं घट रही है।जिन में लोग जान गवा रहे है।

घोटाले,साठगांठ निर्दोषों की बलि ले रहे है। हैरत ये है। दोषी जिम्मेदारों की नकेल न तो सरकार कसती न मिलार्ड संज्ञान लेते। बेहद गम्भीर हो चुके हालातो को सुधारने में 02 लाख करोड़ से अधिक के कमर तोड़ कर्जे में डूबी मप्र सरकार को पसीना आना तय है। पुराने तो छोड़ो नए निजी भवनों की हालत को भी झड़ ने खस्ता कर दी। बारिस से जर्जर हो रहे भवनों को बचाने के लिए जगह जगह टेके लगाने के सिवा कोई चारा नही बचता।टेके न लगाए तो ढह भी सकते है।इन्दोर, उज्जैन, शाजापुर, सीहोर, राजगढ़, गुना, टीकमगढ़, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुर, विदिशा में कुछ पुराने भवन ढह गए। गनीमत, जान का ज्यादा नुकसान नही हुआ।

टपकते,रिसते सरकारी भवनों की कथा लोकतंत्र पर धब्बा लगता है। ऊंची लागत में बेहद घटिया,काम चलाऊ निर्माण।नतीजा पहली ही बारिस में छत चूने लगती। इंद्र के तेवरों से लगता है। वे अभी कम से कम 03 दिन ओर तांडव मचायगे। 23 जुलाई तक प्यासी धरती रुदन कर रही थी। इंद्र को खुश करने के लिए टोने, टोटके, अनुष्ठानों का दौर चल पड़ा था। पेंदे दिखाने वाले नदी, नाले,तालाब, सरोवर, इंद्रा सागर, बाण सागर,तवा, मोहनपुरा,कुंडलियां,राजघाट,मनीखेड़ा जैसे विशाल बांध 31 जुलाई तक लबालब हो गए।बांधो को बचाने के लिए गेट खोलने से नर्बदा,चम्बल,बेतवा,पार्वती,सिंध,शिप्रा, गम्भीर, कालीसिंध, अजनार, नेवज, सहित सेकड़ो छोटी बड़ी नदी नाले,तालाब उफ़न श्योपुर,शिवपुरी,अशोकनगर, की तरह अनहोनी का संकेत दे रहे है।

इंद्र के रौद्र तेवरों से लगता है अभी कम से कम 03 दिन ओर कहर ढहा सरकार, आम जन, प्रशासन की मुस्तेदी की अग्नि परीक्षा लेंगे।


Similar Posts