< Back
एक्सक्लूसिव
अब बॉबी से प्रेमरोग किसे होगा ?
gwalior
एक्सक्लूसिव

अब बॉबी से प्रेमरोग किसे होगा ?

Atul Tare
|
30 April 2020 7:15 PM IST

मुंबई। बॉबी का राजा आज हमेशा के लिए चला गया ,अब प्रेमरोग की विधवा मनोरमा(पद्मिनी कोल्हापूरे) के लिए देवघर(फिल्म का नायक) कहां से आएगा।और मनोरमा ही क्यों चलबुल हसीन काजल (दिव्या भारती) जैसी कई लड़कियां भी रवि (ऋषि कपूर) के यह गुनगुनाने से पहले ही की सोचेंगे तुम्हे प्यार करे कि नहीं कई साल पहले ही दिल दे बैठी है वो अब आज क्या करेंगी।और हां सिर्फ लड़कियां ही क्यों लड़के भी जो आज प्रोढ़ है पर अपनी मोहब्बत के तार आज भी आपके पर्दे पर गाए एक मै और एक तू ,दोनों मिले इस तरह गाकर खुद की धड़कनों को जवां रखते हैं।

ऋषि जी,आपने यह अच्छा नहीं किया। 102 नोट आऊट आपकी ही फिल्म थी न।सिनेमा के महानायक अमिताभ ने आज ठीक ही संवेदना दी, कि आय एम डिस ट्रोएड याने मै टूट गया हु।सच है आज हम सब टूट गए। कल इरफान के जाने के बाद आंखे सूख भी नहीं पाई आज आप चल दिए।मुंबई कोरोना से यूं ही बेहाल है आपने आज उसे भी और पूरे देश को ही हिला दिया।

अब पर्दे पर स्वेटर पहन कर कोन रोमांस करेगा ? 102 नोट आऊट में आप 75 के है और अमिताभ 102 के।यू भी अमिताभ कई फिल्मों में आपके बड़े भाई बने है और आपके रिश्ते भी है पर यह देश भी आपको बेइंतहा प्यार करता था करता है।70 में मेरा नाम जोकर का मासूम राजू बॉबी में राजा बनता है और छा जाता है।आपकी संवाद की अनोखी सहज सरल शैली,आपका पर्दे पर नाचना दर्शकों में गुदगुदी पैदा करता था।और सिर्फ रोमांस ही नहीं कई सामाजिक फिल्मों के जरिए आपने संदेश भी दिए हैं।दामिनी के शेखर को कोन भूल सकता है?

हाल ही में आपने अग्निपथ और दो दूनी चार फिल्म करके यह भी जतला दिया था कि उन्हें सिर्फ रोमांस का स्टार न माना जाए।वह अभी नोट आऊट है।पर कैंसर,तू खुद क्यों नहीं मरता।आज हमारे प्यारे चिंटू को भी ले गया।

ऋषि कपूर सिर्फ पर्दे के नायक नहीं थे।वह सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर भी अपनी राय खुल कर रखते थे और बिना किसी लाग लपेट के।यही कारण रहा कि वह कई बार वामियो एवं गांधी भक्तो के निशाने पर भी आए पर खुशमिजाज ऋषि इनसे बेपरवाह 22 मार्च को थाली बजाते भी दिखे और उन्होंने कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान भी प्रगट किया ।

उनकी आखिरी फिल्म झूठा कहीं का है जो अभी आई नहीं है।पर सच कहें तो झूठे वह निकले वरना इतनी जल्दी यू कोई जाता है क्या ?यही नहीं वह अपने विषय में साहसिक थे।अपनी आत्म कथा जिसका नाम ही खुल्लमखुल्ला है में वह लिखते है कि उन्होंने पहला फिल्म फेयर अवॉर्ड खरीदा था।यह बात कोई सच्चे दिल का इंसान ही कबूल सकता है। उन्होंने आ अब लौट चलें बनाई थी हम अपने चिंटू के इंतजार में है कि वह ऊपर जाकर यह कहे कि आ अब लौट चलें।आएंगे न। हम सब याद कर रहे हैं की...

Similar Posts