< Back
अर्थव्यवस्था
गेंहूं के बाद चीनी पर सरकार का बड़ा फैसला, 1 जून से विदेश नहीं जाएगी शक्कर
अर्थव्यवस्था

गेंहूं के बाद चीनी पर सरकार का बड़ा फैसला, 1 जून से विदेश नहीं जाएगी शक्कर

स्वदेश डेस्क
|
25 May 2022 3:45 PM IST

नईदिल्ली। रूस-यूक्रेन जंग के बीच बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने के बाद सरकार ने अब चीनी के निर्यात को 100 लाख टन तक सीमित करने का फैसला किया है। यह पाबंदी एक जून, 2022 से अगले आदेश तक लागू रहेगी।

सरकार ने देररात जारी आदेश में कहा कि चीनी मिलों और निर्यातकों को एक जून के बाद निर्यात के लिए एक्सपोर्ट रिलीज ऑर्डर के रूप में मंजूरी लेनी होगी। दरअसल देश में जिस तरह से चीनी के दाम बढ़ रहे थे, उससे यह कयास लगाया जा रहा था कि सरकार इसके निर्यात पर पाबंदी लगा सकती है।

1 जून से लगी रोक -

सरकार ने गेहूं के बाद देश में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और उसकी बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी)) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है- 'चीनी (रॉ चीनी, रिफाइन्ड चीनी और सफेद चीनी) के निर्यात को 1 जून, 2022 से सीमित श्रेणी में रखा गया है।'

पहली बार चीनी पर प्रतिबंध

सरकार ने चीनी के निर्यात में 6 साल में पहली बार प्रतिबंध लगाया है। दरअसल घरेलू मांग के मद्देनजर सरकार दो से तीन महीने का अतिरिक्त चीनी का स्टॉक अपने पास रखना चाहती है। आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा चीनी विपणन सत्र में चीनी मिलों ने 90 लाख टन चीनी के निर्यात का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। इसमें से 82 लाख टन चीनी शुगर मिलों ने एक्सपोर्ट के लिए भेज चुकी है, जबकि करीब 78 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है।

ब्राजील के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक -

उल्लेखनीय है कि दुनिया में ब्राजील के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक और निर्यातक देश है। भारत से सबसे अधिक मात्रा में चीनी इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और अफ्रीकी देश खरीदते हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य हैं। इन तीन राज्यों में देश की कुल चीनी का 80 फीसदी उत्पादन होता है।

Similar Posts