< Back
देश
श्रद्धा और पात्रता बढ़ाने का पर्व है नवरात्र : डॉ चिन्मय पण्ड्या

विगत दिनों मप्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भेंट के दौरान डॉ चिन्मय पंड्या 

देश

श्रद्धा और पात्रता बढ़ाने का पर्व है नवरात्र : डॉ चिन्मय पण्ड्या

Swadesh News
|
13 Oct 2021 4:58 PM IST

हरिद्वार। हिन्दू धर्म में नवरात्र साधना का विशेष महत्त्व है। नवरात्र के इन दिनों में विश्वभर के साधक साधना में जुटे हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड स्थित शांतिकुंज में भी देश-विदेश से आये कई हजार साधक सामूहिक साधना में रत हैं। साधक त्रिकाल संध्या में जप के साथ सत्संग का विशेष लाभ भी ले रहे हैं।

सत्संग के इसी क्रम में साधकों को संबोधित करते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि नवरात्र श्रद्धा और पात्रता विकसित करने का महापर्व है। साधना में जितना जप, तप का महत्त्व है, लगभग उतना ही महत्त्व स्थान का भी है। देवभूमि में महर्षि विश्वामित्र के साधना स्थली गायत्री तीर्थ में गायत्री महामंत्र का अनुष्ठान करना निश्चय ही सफलता के द्वार खोलने जैसा है।

अंतरराष्ट्रीय सामाजिक आध्यात्मिक मंच के निदेशक एवं इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशन के परिषद् सदस्य डॉ. पण्ड्या ने कहा कि बाहरी जगत में विकास के लिए भौतिक क्षमता, ऊर्जा की आवश्यकता होती है, लेकिन आंतरिक जगत में आत्मबल बढ़ाने के लिए साधना की जरूरत पड़ती है। साधना श्रद्धा के साथ करने से पात्रता का विकास होता है और जब पात्रता विकसित होती है, तो भगवत्सत्ता हमें अपने अनुदानों, वरदानों से भर देते हैं। उन्होंने कहा कि मीरा, प्रहलाद, नामदेव की श्रद्धा एवं पात्रता ही था, जिस वजह से भगवान उसे हर कठिनाइयों से बचाते रहे। उन्होंने कहा कि मनोयोगपूर्वक की गयी साधना से सामान्य से असामान्य की ओर बढ़ा जा सकता है। मानव से महामानव बना सकता है।

इस अवसर पर शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्ता शिवप्रसाद मिश्र, डॉ. ओपी शर्मा, श्यामबिहारी दुबे सहित भारत के विभिन्न राज्यों तथा अमेरिका, कनाडा आदि देशों से आये साधक उपस्थित रहे।

Similar Posts