< Back
देश
अमेरिकी टैंकरों में कच्चा तेल भरकर रखेगा भारत, जानिए क्या होगा फायदा
देश

अमेरिकी टैंकरों में कच्चा तेल भरकर रखेगा भारत, जानिए क्या होगा फायदा

Swadesh Digital
|
18 July 2020 1:37 PM IST

नई दिल्ली। राजनैतिक कारणों की वजह से स्पलाई में बाधा से बचने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम होने से पर अधिक मात्रा में क्रूड खरीद सकने के लिए भारत अमेरिकी स्ट्रैटिजिक रिजर्व में भंडारण करने जा रहा है। पेट्रोलियम और नैचरल गैस मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ''भारत के रणनीतिक भंडारण को बढ़ाने के लिए यूएस पेट्रोलियम रिजर्व में क्रूड ऑइल स्टोर करने के लिए हम अंतिम चरण की चर्चा कर रहे हैं।''

यह प्रधान और अमेरिकी ऊर्जा मंत्री डैन ब्रोइलेट के बीच यूएस-इंडिया स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप के तहत वर्चुअल बैठक के अहम नतीजों में से एक था। गुरुवार को सबसे पहले हिन्दुस्तान टाइम्स ने इस कदम की जानकारी दी थी।

भारत-अमेरिका जॉइंट स्टेटमेंट में कहा गया, ''दोनों पक्षों ने स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स ऑपरेशन एंड मेंटिनेंस पर सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।'' एक भारतीय अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की अपील करते हुए कहा कि सरकारी इंडियन स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (आईएसपीआरएल) और देश की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने में जुटी एजेंसियां इस एमओयू को आगे ले जा सकती हैं।

आईएसपीआरएल की ओर से देश में तीन क्रूड ऑइल स्टोरेज फैसिलिटी का संचालन किया जा रहा है, जिनकी संयुक्त क्षमता 53.33 लाख टन है, जोकि देश की ऊर्जा जरूरत को 9.5 दिन तक पूरा करने के लिए पर्याप्त है। अमेरिकी ऊर्जा मंत्री ने शुरुआती बयान में शुक्रवार शाम कहा कि हम स्ट्रैटिजिक पेट्रोलियम रिजर्व में सहयोग की शुरुआत करने जा रहे हैं।

अमेरिकी स्ट्रैटिजिक रिजर्व्स में क्रूड स्टोर करने के कदम को एक्सपर्ट बेहद अहम बता रहे हैं, क्योंकि भारत 80 फीसदी क्रूड का आयात करता है। इसने 2019-20 में 101.4 अरब डॉलर क्रूड आयात पर खर्च किए हैं। इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया के पूर्व सेंट्रल काउंसिल मेंबर विजय कुमार गुप्ता ने कहा, ''इस कदम से ना केवल भूराजनैतिक संकट के दौरान बाधारहित आपूर्ति सुनिश्चित होगी, बल्कि देश को 2008 में तेल की कीमतों में अचानक तेजी से खजाने पर पड़ने वाले बोझ से भी बचाया जा सकता है। जुलाई 2008 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑइल की कीमत रेकॉर्ड उछाल के साथ 147 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई। इस साल 21 अप्रैल को क्रूड ऑइल की कीमत 19.33 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थी। इस दौरान भारत ने 25 डॉलर प्रति बैरल के औसत से अपने तीनों रिजर्व भर लिए।

एक अधिकीर ने बताया, ''आदर्श स्थिति में भारत के पास कम से कम 90 दिनों का स्ट्रैटिजिक रिजर्व होना चाहिए। हालांकि, भारत अपने रिजर्व को बढ़ा रहा है और अभी 53.3 लाख टन क्रूड स्टोर कर सकता है।'' भारत के तीन भूमिगत भंडार विशाखापत्तनम, मैंगलोर और पादुर में हैं। सरकार ने दो और भूमिगत भंडार ओडिशा के चंडीखोल और कर्नाटक के पादुर में बनाने के लिए मंजूरी दी है। इसके बाद भारत 11.57 दिनों की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होगा।

Similar Posts