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भारत को जनवरी-मार्च तक मिल जाएंगी कोरोना की दो वैक्सीन
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भारत को जनवरी-मार्च तक मिल जाएंगी कोरोना की दो वैक्सीन

Swadesh Digital
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29 Aug 2020 2:09 PM IST

नई दिल्ली। भारतीय बाजार में अगले साल की शुरुआत में कोविड-19 के दो टीके उपलब्ध हो सकते हैं। बर्नस्टीन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने दौड़ में आगे चल रही कंपनियों एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स के टीके का करार पहले सुनिश्चित कर लिया है। ऐसे में टीके को मंजूरी मिलते ही भारत में इनका टीकाकरण शुरू हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार,वैश्विक स्तर पर चार संभावित टीके हैं, जिन्हें 2020 के अंत तक या 2021 की शुरुआत में स्वीकृति मिलने का अनुमान हैं। इनमें से दो टीके एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड का वायरल वेक्टर टीका और नोवावैक्स के प्रोटीन सबयूनिट टीके के लिए भारत ने साझेदारी की है। इन टीकों के अब तक के परीक्षण मानकों पर खरे उतरने के साथ प्रतिरक्षा क्षमता बढ़ाने में सफल साबित हुए हैं। ऐसे में भारत में 2021 की पहली तिमाही में बाजार में एक स्वीकृत टीका उपलब्ध हो जाएगा।

उसने कहा कि टीके की कीमत प्रति खुराक तीन से छह डॉलर (225 से 550 रुपये) हो सकती है। हालांकि टीके के जरिये हर्ड इम्यूनिटी (सामूहिक प्रतिरक्षा) विकसित होने में दो साल लग सकते हैं। इसका कारण नए वायरस के मामले में कम जानकारी और टीकाकरण का कम अनुभव होना है। शुरुआत में टीके स्वास्थ्यकर्मियों और 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों आदि जैसे संवेदनशील वर्ग को उपलब्ध कराए जाएंगे। इनके बाद टीके आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों और गरीब लोगों को दिए जा सकते हैं। भारत का टीका बाजार वित्त वर्ष 2021-22 में छह अरब डॉलर का हो सकता है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पहले टीके को पेश करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सीरम ने एस्ट्राजेनेका व ऑक्सफोर्ड तथा नोवावैक्स के साथ उनके संभावित टीके के उत्पादन का करार किया है। सीरम एक अरब खुराक की अतिरिक्त क्षमता पर काम कर रहा है। अनुमान है कि संस्थान 2021 में 60 करोड़ खुराक और 2022 में एक अरब खुराक बना लेगा। इनमें से 2021 में भारत के लिए 40 से 50 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगे। भारत की तीन कंपनियां जायडस, भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई भी अपने अपने टीके पर काम कर रही हैं। ये टीके पहले और दूसरे चरण के परीक्षण में हैं।

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