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भारत में कोरोना के 54,366 नए मामले, अब तक 1,17,306 ने गंवाई जान
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भारत में कोरोना के 54,366 नए मामले, अब तक 1,17,306 ने गंवाई जान

Swadesh Digital
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23 Oct 2020 12:54 PM IST

नई दिल्ली। एक साल पूरा होने को आया है और दुनिया अब भी कोरोना से जूझ रही है। भारत में भी इस खतरनाक वायरस से लड़ाई जारी है। देश में 54,366 नए कोविड-19 संक्रमण के साथ, भारत के कुल मामले 77,61,312 हो गए। इसके अलावा 690 नई मौतों के साथ, मरने वालों की कुल संख्या 1,17,306 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 20,303 की कमी के बाद कुल सक्रिय मामले 6,95,509 हैं। साथ ही पिछले 24 घंटे में 73,979 नए डिस्चार्ज के साथ कुल ठीक हुए मामले 69,48,497 हो चुके हैं।

देश में मृत्यु दर और सक्रिय मामलों की दर में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.51% हो गई। इसके अलावा सक्रिय मामले जिनका इलाज चल है उनकी दर भी 10 फीसदी से कम है। वल्र्डोमीटर के मुताबिक, सक्रिय मामले और कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है। मौत के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।

विशेषज्ञों ने चेताया है कि त्योहारों में भीड़ से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं। उन्होंने लोगों को त्योहार मनाते वक्त कई सावधानी बरतने की सलाह दी है। बाजार में भीड़-भाड़ से बचने को कहा है। त्योहारों में संक्रमण के केस बढ़ने का मामला केरल में देखा जा चुका है, जहां ओणम के बाद मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

दूसरी ओर ऐसी कई रिपोर्ट और स्टडी सामने आ चुकी हैं, जिनमें दावा किया गया है कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि आ सकती है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का कहना है कि कोरोना एक रेस्पिरेट्री वायरस है और ऐसे वायरस को ठंड के मौसम में बढ़ने के लिए जाना जाता है। रेस्पिरेट्री वायरस ठंड के मौसम और कम आर्द्रता की स्थिति में बेहतर तरीके से पनपते हैं। यूरोप और अमेरिका इसके बड़े उदाहरण हैं। यहां ठंड शुरू होते ही पहली लहर के मुकाबले रोज नए मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। फ्रांस में तो गर्मियों के मुकाबले ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे हैं।

फिलहाल दुनिया में कोरोना की न तो कोई दवा और न ही कोई वैक्सीन मौजूद है। अगले साल फरवरी तक इसके आने की उम्मीद है। ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए सावधानी बहुत जरूरी है। देश में कोरोना वैक्सीन पर वैज्ञानिकों की उच्च स्तरीय टीमें निरंतर जुटी हुई है। देसी कोरोना वैक्‍सीन कोवैक्सीन का आखिरी ट्रायल अगले महीने से शुरू होने वाला है। ऐसे में इसके फरवरी तक आने की उम्मीद जताई जा रही है।

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