छत्तीसगढ़
किसानों की मेहनत का सम्मान हमारा संकल्प-सीएम साय
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किसानों की मेहनत का सम्मान हमारा संकल्प-सीएम साय

Swadesh Bhopal
|
16 Nov 2025 12:07 PM IST

प्रदेशभर में धान खरीदी शुरू, कर्मचारियों पर लगा ESMA
प्रदेशभर में 2739 केंद्र, 160 लाख मीट्रिक टन खरीदी का लक्ष्य
धान खरीदी की अवधि में संबंधित कर्मचारी नहीं कर पाएंगे हड़ताल

राज्य में शनिवार सुबह से धान खरीदी की प्रक्रिया शुरू हो गई। धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अड़चन न आए, इसके लिए राज्य सरकार ने खरीदी में लगे कर्मचारियों पर छत्तीसगढ़ आवश्यक सेवा संधारण एवं विच्छिन्नता निवारण अधिनियम 1979 लागू कर दिया है। यह अधिनियम धान खरीदी की पूरी अवधि 15 नवंबर से 31 जनवरी 2026 तक लागू रहेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने धान खरीदी उत्सव पर कहा कि राज्य सरकार धान खरीदी को पूरी तरह व्यवस्थित करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को पिछली बार की तरह इस बार भी प्रति क्विंटल 3100 रुपए मिलेंगे। प्रदेशभर में धान खरीदी के लिए 2739 केंद्र बनाए गए हैं और इस बार समर्थन मूल्य पर 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।

धान खरीदी व्यवस्था को तकनीक-सक्षम बनाते हुए सरकार ने इस वर्ष तुहर टोकन ऐप, जीपीएस आधारित परिवहन, सतर्क ऐप और कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर जैसे आधुनिक सिस्टम लागू किए हैं। सीएम ने कहा कि हर कदम पर प्राथमिकता किसानों को सुविधा, सम्मानजनक खरीदी और समय पर भुगतान सुनिश्चित करना है। रजिस्टर्ड किसानों को धान बेचने के लिए तुहर ऐप से टोकन लेना पड़ेगा। जो किसान ऑनलाइन टोकन नहीं ले पा रहे हैं, उनके लिए मंडी में भी टोकन की व्यवस्था की गई है।

पहले दिन 19,464 क्विंटल धान का उपार्जन

पहले दिन 195 उपार्जन केंद्रों में 19,464 क्विंटल धान का उपार्जन किसानों से किया गया। राज्य के 2,739 उपार्जन केंद्रों में खरीदी की व्यवस्था की गई है। सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा अवैध हड़ताल की संभावना के कारण विपणन संघ ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से 2,739 डेटा एंट्री ऑपरेटरों की व्यवस्था कर धान उपार्जन सुनिश्चित किया। पहले दिन प्रदेश में जारी कुल 2,029 टोकन में से 1,912 किसानों ने तुहर टोकन के माध्यम से आवेदन किया।

लापरवाही बरतने पर कार्रवाई

राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक धान खरीदी में ड्यूटी पर लगे सभी कर्मचारियों को काम करना होगा। कोई भी कर्मचारी काम करने से मना नहीं करेगा। सरकार ने धान खरीदी को अतिआवश्यक काम माना है। लापरवाही बरतने और काम करने से इंकार करने वाले कर्मचारियों पर सीधी कार्रवाई की जाएगी, गिरफ्तारी भी हो सकती है। धान उपार्जन केंद्रों में समिति प्रबंधक, पटवारी, पंचायत विभाग के करारोपण कर्मचारी समेत कई विभागों के कर्मियों की ड्यूटी लगी है।

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