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बीजापुर IED ब्लास्ट में एक जवान शहीद तीन घायल, नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुआ हादसा
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Bijapur IED Blast: बीजापुर IED ब्लास्ट में एक जवान शहीद तीन घायल, नक्सल विरोधी अभियान के दौरान हुआ हादसा

Deeksha Mehra
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18 Aug 2025 9:59 AM IST

One Soldier Martyred and three injured in Bijapur IED Blast : बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में सोमवार सुबह नक्सल विरोधी अभियान के दौरान इम्प्रोवाइज़्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) विस्फोट में ज़िला रिज़र्व गार्ड (DRG) का एक जवान शहीद हो गया और तीन अन्य घायल हो गए। यह घटना इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में हुई, जहाँ पिछले दो वर्षों में कई मुठभेड़ें हो चुकी हैं।

जानकारी के मुताबिक, 17 अगस्त को बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र में DRG की टीम नक्सली विरोधी अभियान पर निकली थी। सर्चिंग के दौरान भोपालपट्नम इलाके के उल्लूर के जंगल में 18 अगस्त की सुबह IED ब्लास्ट हो गया।

अधिकारियों के अनुसार, दिनेश नाग ने अनजाने में IED पर पैर रख दिया, जिससे विस्फोट हो गया। विस्फोट में नाग के साथ घायल हुए अन्य तीन जवान खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं और उन्हें घटनास्थल से निकाला जा रहा है। पुलिस अफसरों ने बाद में विस्तार से जानकारी देने की बात कही है। इससे इस साल नक्सलियों द्वारा मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 20 हो गई है, जबकि पिछले साल 19 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी।

जनवरी, फ़रवरी, जून और जुलाई में हुई मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के अंदर कम से कम 44 माओवादियों को मार गिराया है। जुलाई में माओवादियों ने इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में दो शिक्षा दूतों (संविदा शिक्षकों) की पुलिस मुखबिर होने के संदेह में हत्या कर दी थी।

6 अगस्त को 1 नक्सली ढेर

बता दें कि इससे पहले बीजापुर जिले में 6 अगस्त को जवानों ने मुठभेड़ में एक नक्सली को ढेर किया था। मारे गए नक्सली का शव और हथियार बरामद कर लिया गया था। मामला गंगालूर थाना इलाके का है।

वहीं बीजापुर में एनकाउंटर के डर से एक महिला नक्सली समेत 9 नक्सलियों ने सरेंडर किया था। 9 नक्सलियों में से 6 नक्सलियों पर 24 लाख रुपए का इनाम घोषित हैं। इनमें एक नक्सली 8 लाख और दो 5-5 लाख के साथ तीन नक्सली 2-2 लाख रुपए के इनामी हैं।

बता दें कि, डीआरजी एक विशेष राज्य-स्तरीय बल है जिसमें दूरदराज के इलाकों के आदिवासियों, जिनमें आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली भी शामिल हैं, की भर्ती की जाती है और इस बल की स्थापना माओवादियों के खिलाफ सबसे प्रभावी और विवादास्पद रणनीति रही है।

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