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एनकाउंटर से नक्सली लीडरों में खौफ, नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन का कमांडर डाल रहा हथियार!
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Naxalites Leaders Encounter Fear: एनकाउंटर से नक्सली लीडरों में खौफ, नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन का कमांडर डाल रहा हथियार!

स्वदेश डेस्क
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2 Dec 2025 8:27 PM IST

Naxalites Surrender: छत्तीसगढ़ में लाल आतंक सिमटता जा रहा है। लगातार एनकाउंटर से नक्सलियों के लीडरों में खौफ है और सरेंडर कर रहे हैं। अब नक्सली बारसे देवा के सरेंडर की अटकलें हैं। वह सुरक्षाबल के जवानों के सामने सरेंडर कर सकता है।

जगदलपुरः छत्तीसगढ़ में लाल आतंक अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। यहां अब कुछ ही नक्सली लीडर और हथियारबंद नक्सली है। वहीं, अब हिड़मा के बाद सबसे खूंखार माना जाने वाला नक्सली बारसे देवा के सरेंडर की अकटलें हैं। वह बुधवार के दिन सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर सकता है। बारसे देवा नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नंबर एक का कमांडर है।

दरअसल, दावा किया जा रहा है कि हिड़मा के एनकाउंटर के बाद से ही वह टूट गया है। इसके बाद से उसने सरेंडर का फैसला कर लिया है। उसके जंगल से बाहर निकलकर सुकमा पहुंचने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।

सरेंडर से लगेगा खूंखार टीम को झटका

नक्सली बारसे देवा के सरेंडर के साथ ही नक्सलियों की सबसे खूंखार टीम मानी जाने वाली विंग पीएलजीए बटालियन को तगड़ा झटका लगेगा और विंग पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। बारसे देवा नक्सलियों की सबसे खतरनाक विंग PLGA का नंबर एक का कमांडर है।

बड़ी वारदातों में शामिल रही है विंग

बारसे देवा जिस विंग का मेंबर है। वह सुरक्षा बल जवानों पर अटैक, बड़ी नक्सली वारदातों को अंजाम देने का काम यही करती है।

हिड़मा का है सबसे करीबी

बारसे देवा भी सुकमा के पूर्वती गांव का रहने वाला है। वह हिड़मा का सबसे करीबी माना जाता है। 18 नवंबर को माड़वी हिड़मा के एनकाउंटर के बाद से पूरी तरह से टूट चुका है। हिड़मा नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर था। हिड़मा के एनकाउंटर के बाद से बस्तर में नक्सल संगठन पूरी तरह से टूट चुका है।

डिप्टी सीएम ने की थी सरेंडर की अपील

हिड़मा के एनकाउंटर के पहले छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा पूवर्ती गांव गए थे। वहां उन्होंने देवा की मां और हिड़मा इन दोनों की मां से मुलाकात की थी। इसी दौरान उन्होंने दोनों के सरेंडर की अपील की थी। हालांकि पुलिस अधिकारियों ने मामले में अधिक जानकारी दी है। पुलिस के अनुसार माओवादी कैडर बारसे देवा के आत्मसमर्पण और पुनर्वास को लेकर कुछ अटकलें सामने आई हैं।

नक्सलियों के पास एक ही रास्ता

नक्सलियों को लेकर बस्तर रेंज के आईजीपी ने कहा कि नक्सली कैडरों को समझना होगा कि परिस्थितियां तेजी से बदल रही हैं। हिंसा और संघर्ष की राह पर बने रहने से किसी भी कैडर के किसी भी प्रकार का लाभ नहीं मिलने वाला है। सही फैसला लेने का यही सबसे उपर्युक्त समय है।

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