
गरियाबंद में बड़ी सफलता 7 नक्सलियों ने किया सरेंडर
|मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने के संकल्प की दिशा में शुक्रवार को गरियाबंद में बड़ी सफलता मिली है। उदंती एरिया कमेटी में सक्रिय सभी सात नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें से दो पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।
IG के सामने नक्सिलियों ने डाले हथियार
आईजी अमरेश मिश्रा के सामने इन सभी नक्सलियों ने अपने हथियार डाल दिए। इनमें चार महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं। यह नक्सल मोर्चे पर पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।बताया जा रहा है कि गरियाबंद-धमतरी-नुवापाड़ा डिवीजन की उदंती एरिया कमेटी के ये सभी नक्सली रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा के सामने आत्मसमर्पण केलिए पहुंचे थे। पुलिस लाइन में इन सात नक्सलियों ने कुल छह हथियारों के साथ सरेंडर किया।इस मौके पर आईजी ने कहा कि यह कदम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली की दिशा में एक अहम पहल है।
इनामी नक्सलियों ने डाले हथियार
आत्मसमर्पण करने वालों में एरिया कमांडर सुनील और सचिव एरिना शामिल हैं, जिन पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनके अलावा लुद्रों, विद्या, नंदिनी और मलेश पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था, जबकि कांती पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।आत्मसमर्पण के समय इनके पास से एक एसएलआर, तीन इंसास रायफलें और एक सिंगल शॉट हथियार बरामद किए गए हैं।
कमांडर के आह्वान पर आत्मसमर्पण
सूत्रों के अनुसार, नक्सली कमांडर सुनील ने संगठन के भीतर शांति की अपील करते हुए अपने साथियों से आत्मसमर्पण करने का आह्वान किया था। इसके बाद बाकी छह नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण का निर्णय लिया।सुरक्षा बलों ने इस कदम को बेहद सकारात्मक पहल बताया है। आईजी अमरेश मिश्रा ने गरियाबंद एसपी निखिल राखेचा की कार्यशैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि एसपी की रणनीति और टीम के निरंतर प्रयासों से यह बड़ी सफलता मिली है।मिश्रा ने बताया कि इस आत्मसमर्पण से उदंती एरिया कमेटी लगभग समाप्त हो गई है, जिससे नक्सलियों की ताकत को गहरा झटका लगा है।
2010 से सक्रिय थे नक्सली
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सली 2010 से सक्रिय थे और कई घटनाओं में शामिल रहे थे। इनके आत्मसमर्पण के बाद इलाके में नक्सल संगठन को भारी नुकसान पहुंचा है।अधिकारियों का कहना है कि अब इस क्षेत्र में नक्सली प्रभाव लगभग खत्म हो गया है, और जल्द ही विकास कार्यों को गति दी जाएगी।