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कलेक्टर बैठे हैं - पूर्व मंत्री खड़े, कलेक्टर बोले-  डिलीट करें पोस्ट नहीं तो...
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पूर्व विधायक ने सोशल मीडिया पर लिखा: कलेक्टर बैठे हैं - पूर्व मंत्री खड़े, कलेक्टर बोले- डिलीट करें पोस्ट नहीं तो...

Deeksha Mehra
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17 July 2025 12:45 AM IST

राज्यपाल के कोरबा दौरे को लेकर जयसिंह अग्रवाल ने किया था पोस्ट

Former MLA wrote on social media : कोरबा। राज्यपाल के कोरबा प्रवास के दौरान पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, राज्यपाल रमेन डेका और कोरबा कलेक्टर की सोशल मीडिया पर शेयर एक फोटो और टिप्पणी पर बवाल मच गया है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने फेसबुक वॉल पर फोटो को साझा करते हुए टिप्पणी की। उन्होंने जिस फोटो को सोशल मीडिया में वायरल किया है उसमें राज्यपाल रमेन डेका और कलेक्टर बैठे हुए हैं और पूर्व गृह मंत्री खड़े हैं।

इस फोटो पर पूर्व विधायक ने टिप्पणी भी लिखी है। इसे लेकर कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत ने पूर्व विधायक को पत्र लिखकर पोस्ट को दुर्भावनापूर्वक व भ्रामक बताते हुए डिलीट करने की बात कही है। पोस्ट डिलीट नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।

पूर्व विधायक ने यह लिखा है सोशल मीडिया पर

छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर खड़े हैं, जबकि महामहिम राज्यपाल रमेन डेका के साथ कलेक्टर अजीत बसंत बैठे हुए हैं। यह जान और सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई।

ये है कलेक्टर का पत्र

उपरोक्त विषय के संदर्भ में लेख है कि आपके द्वारा 14 जुलाई 2025 को आपके फेसबुक प्रोफाइल पर एक छवि पोस्ट की गई है। उक्त पोस्ट के संबंध में वस्तुस्थिति यह है कि उक्त कक्ष में ननकी राम कंवर, पूर्व मंत्री छग शासन के बैठक हेतु पूर्व निर्धारित व्यवस्था थी। ननकी राम कंवर के कक्ष में प्रवेश करते ही मेरे द्वारा उनका अभिवादन किया गया, जिसकी पुष्टि की जा सकती है। उसके पश्चात् वे अपने हेतु निर्धारित स्थान पर बैठे। उक्त तस्वीर तब की ली गई है, जब वे ज्ञापन देने हेतु कुछ देर के लिए खड़े हुए थे।

आपके द्वारा उक्त तस्वीर को दुर्भावनापूर्ण तरीके से प्रचारित-प्रसारित किया गया है। अत: आपको निर्देशित किया जाता है कि, उक्त पोस्ट को तत्काल डिलीट करें। ऐसा न करने की दशा में आम नागरिकों के मन में शासन तथा प्रशासन के प्रति असंतोष की भावना उत्पन्न होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, जो कि भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत एक दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आता है।





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