छत्तीसगढ़
रायपुर में बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस का कहर, ओपीडी में मरीजों की संख्या 20% तक बढ़ी
छत्तीसगढ़

रायपुर में बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस का कहर, ओपीडी में मरीजों की संख्या 20% तक बढ़ी

Swadesh Bhopal
|
21 Nov 2025 11:48 AM IST

राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में ठंड के शुरुआती तेवर ने ही बच्चों की सेहत को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। शहर के अंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल और निजी अस्पतालों की ओपीडी में बीमार बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकांश बच्चे सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।

हर दिन ओपीडी में आने वाले 15 से 20 प्रतिशत बच्चों में ब्रोंकियोलाइटिस (सांस लेने में दिक्कत, नाक बंद होना) के लक्षण पाए जा रहे हैं। जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञों के अनुसार, प्रतिदिन 100 से अधिक बच्चे ब्रोंकियोलाइटिस के लक्षणों के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या ग्रामीण इलाकों से आने वाले बच्चों की है।

वायरस के लक्षण

डॉक्टरों के अनुसार बच्चों में ठंड लगने के बाद पसली चलना, सीने में भारीपन और हांफनी जैसे लक्षण तेजी से बढ़ रहे हैं।

अगले महीने और बिगड़ सकती है स्थिति

ठंड और प्रदूषण के मिश्रित असर से ब्रोंकियोलाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले एक महीने में तापमान गिरने पर मामलों में और तेजी आ सकती है, इसलिए अभिभावकों को अभी से सावधानी बरतनी होगी। ब्रोंकियोलाइटिस एक वायरल संक्रमण है, जो बच्चों की सांस की बेहद पतली नलियों (ब्रॉन्किओल्स) को प्रभावित करता है। कई छोटे बच्चों को तो दूध पीने में भी परेशानी हो रही है। समय पर इलाज में देरी करने से बच्चे की स्थिति गंभीर हो सकती है, खासकर उन बच्चों में जो पहले से किसी बीमारी से पीड़ित हैं।

कौन-से बच्चे ज्यादा जोखिम में हैं

प्रीमैच्योर जन्मे बच्चे

जन्मजात हृदय रोग वाले बच्चे

फेफड़ों की जन्मजात बीमारियों वाले बच्चे

कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चे

ऐसे करें बचाव

घर में किसी को सर्दी-जुकाम हो तो बच्चे को उनसे दूर रखें।

बच्चे की नाक हमेशा साफ रखें।

उचित गर्म कपड़े पहनाएं।

केवल धूप निकलने के बाद ही बच्चे को बाहर ले जाएं।

ठंडी और बाजार की चीजों से परहेज करवाएं।

खानपान में गर्म, ताजा और पौष्टिक चीजें शामिल करें।

एक्सपर्ट व्यू

"अभिभावकों को लक्षण दिखते ही घर में घरेलू इलाज करने के बजाय तुरंत अस्पताल पहुंचना चाहिए। ब्रोंकियोलाइटिस खुद ठीक होने वाली बीमारी है, लेकिन सही समय पर उपचार न मिलने पर यह जानलेवा भी बन सकती है।"

- डॉ. निलय मोझरकर, शिशु रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल, रायपुर

Similar Posts