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एक और आँखफोड़वा कांड का लगा दाग !
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एक और आँखफोड़वा कांड का लगा दाग !

Swadesh Bhopal
|
13 Nov 2025 11:12 AM IST

बीजापुर अस्पताल में ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण

बीजापुर में ऑपरेशन के बाद मरीजों की आंखों में गंभीर इंफेक्शन

बीजापुर/रायपुर। जिला अस्पताल, बीजापुर में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 9 मरीजों की आंखों में संक्रमण का मामला सामने आया है। ऑपरेशन के बाद नौ मरीजों की तबीयत बिगड़ गई, जिनमें आठ की आंखों में गंभीर संक्रमण पाया गया। मरीजों में आठ महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। सभी मरीजों को बुधवार सुबह रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल (मेकाहारा) में भर्ती कराया गया। इनमें से पांच मरीजों को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया गया, जबकि बाकी को एंटीबायोटिक इंजेक्शन और अन्य दवाएं दी जा रही हैं। भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन के बाद उनकी आंखों में तेज जलन और धुंधलापन महसूस हुआ। कुछ मरीजों ने लगभग दृष्टिहीनता जैसी स्थिति की भी शिकायत की।

स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

दो जिलों में एक जैसे मामलों के सामने आने से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में स्टरलाइजेशन और पोस्ट-ऑपरेटिव केयर की प्रक्रिया बेहद कमजोर है। हर साल 'नेत्रदान और मोतियाबिंद शिविर' चलाए जाते हैं, लेकिन संक्रमण रोकने के बुनियादी मानक अक्सर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। फिलहाल, मेकाहारा में भर्ती सभी मरीजों की हालत पर निगरानी रखी जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार सूजन और संक्रमण कम होने में 5 से 6 हफ्ते का समय लग सकता है।

जांच टीम गठित, 3 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश

जिला अस्पताल बीजापुर में हुए नेत्र ऑपरेशन के बाद जटिलता के मामलों की जांच के लिए आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की है। इस टीम में राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. निधि अत्रिवाल, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर संभाग डॉ. महेश साण्डिया तथा नेत्र सर्जन जिला चिकित्सालय जगदलपुर डॉ. सरिता थॉमस शामिल हैं। यह जांच समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष प्रस्तुत करेगी और शीघ्र ही बीजापुर जिला अस्पताल में जांच शुरू करेगी।

पिछले सालों में भी मोतियाबिंद शिविरों में फैला संक्रमण

बीजापुर जिले में 8 नवंबर को जिला अस्पताल परिसर में नि:शुल्क मोतियाबिंद शिविर आयोजित किया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीजों में सूजन और पस की शिकायत आई। आठ मरीजों की आंखों में संक्रमण गंभीर पाया गया। उनका दोबारा ऑपरेशन किया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण कई कारणों से हो सकता है, जैसे दवाओं की गुणवत्ता, उपकरणों की सफाई या मरीजों की ओर से पोस्ट-ऑपरेशन देखभाल की कमी। ग्रामीण परिवेश में हाइजीन बनाए न रखने के कारण ऑपरेशन के बाद आंखों में संक्रमण का खतरा रहता है।

बीजापुर की यह घटना पिछले वर्षों में हुए कई कांडों की याद दिलाती है। दंतेवाड़ा, कोरिया, बालोद, दुर्ग और रायपुर में भी मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद संक्रमण और दृष्टिहीनता के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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