
40 हजार महिलाओं से अरबों की ठगी, फ्लेरामैक्स कंपनी पर जांच के आदेश
|आदिवासी महिलाओं से अरबों की धोखाधड़ी का मामला उजागर
कोरबा जिले में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र को हिला दिया है। फ्लेरामैक्स नामक कंपनी पर 40 हजार से अधिक आदिवासी महिलाओं को लालच देकर अरबों रुपए की ठगी करने का आरोप है। यह मामला इतना गंभीर है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश सरकार को उच्च स्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं।
कंपनी संचालक समेत 13 आरोपी गिरफ्तार
इस घोटाले में कंपनी के संचालक समेत 13 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें से 10 आरोपियों को अब तक जमानत मिल चुकी है।सरकार और जांच एजेंसियां आरोपियों की संपत्तियों की पहचान और जब्ती की प्रक्रिया में जुटी हैं। वहीं, पीड़ित महिलाओं के पैसे की वसूली और वापसी की कार्रवाई की तैयारी भी जारी है।
आयोग ने मांगी रिपोर्ट, मुख्य सचिव को भेजा नोटिस
आयोग ने इस गंभीर मामले की जांच के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट के आधार पर 16 अक्टूबर 2025 को सुनवाई हुई, जिसमें संभाग आयुक्त सुनील कुमार जैन ने आयोग को बताया कि अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि आरोपियों की संपत्तियों की जब्ती का काम तेजी से किया जा रहा है।
30 दिनों में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश
आयोग ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए 30 दिनों के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि मामले में अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और पीड़ित महिलाओं को उनका पैसा वापस दिलाया जाए।
पूर्व गृहमंत्री की शिकायत के बाद खुला मामला
इस घोटाले का खुलासा पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद हुआ। उन्होंने 9 दिसंबर 2024 को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।शिकायत में बताया गया था कि कंपनी ने ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को लालच देकर 30-30 हजार रुपए का लोन दिलवाया और फिर उनसे निवेश करवाकर कुल 120 करोड़ रुपए की ठगी कर ली।इस खुलासे के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है और प्रशासनिक महकमे में हलचल तेज हो गई है।