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किसानों के हित से समझौता नहीं करेगी भारत सरकार - कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान
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India-US Trade Deal: किसानों के हित से समझौता नहीं करेगी भारत सरकार - कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

Tanisha Jain
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8 Jun 2025 8:29 PM IST

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापारिक बातचीत में कृषि क्षेत्र पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि सरकार किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत से अपने कृषि उत्पादों के लिए ज्यादा पहुंच और कम टैरिफ की मांग कर रहा है, लेकिन भारत हर पहलू का आकलन करने के बाद ही कोई फैसला लेगा।

शिवराज सिंह चौहान ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, "जब दो देशों के बीच व्यापार वार्ता होती है तो समग्र व्यापार को ध्यान में रखना होता है, लेकिन हमारी प्राथमिकता किसानों की भलाई है। उनके हितों से कोई समझौता नहीं होगा।"


नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते तीन वर्षो में भारत ने अमेरिका को लगभग 5.75 अरब डॉलर मूल्य के कृषि उत्पादों का निर्यात किया है। इसके मुकाबले, अमेरिका से भारत को करीब 2.22 अरब डॉलर के कृषि उत्पाद मिले है। ये आंकड़े दर्शाते है कि कृषि व्यापार के मामले में भारत को अमेरिका के मुकाबले अधिक व्यापारिक लाभ मिला है।

भारत से अमेरिका को बासमती चावल, मसाले, फ्रोजन झीगे, प्रोसेस्ड अनाज जैसे प्रोडक्ट्स भेजे जाते है। वहीं अमेरिका चाहता है कि वह भारत को मक्का, सोयाबीन और पशु चारा जैसे उत्पाद ज्यादा मात्रा में निर्यात कर सके। लेकिन भारत में इन चीजों पर 39% से 50% तक का शुल्क (टैरिफ) लगता है, जो अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती है।


सरकार को डर है कि अगर विदेशी उत्पादकों को ज्यादा छूट दी गई तो इससे भारतीय किसानों की आजीविका पर असर पड़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में विरोध भी हो सकता है।

उन्होंने कहा हम यह सुनिश्चित करना चाहते है कि किसी भी समझौते से हमारे किसानों को नुकसान न हो। उनकी सुरक्षा और स्थिर आय हमारी प्राथमिकता है। सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों में उतार-चढ़ाव से देश के किसान प्रभावित न हों, इसके लिए हर कदम सोच-समझकर उठाया जाएगा।

भारत और अमेरिका के बीच कृषि व्यापार को लेकर बातचीत जारी है, लेकिन भारत पूरी सावधानी बरत रहा है। सरकार की कोशिश है कि व्यापार बढ़े लेकिन किसानों के हित सुरक्षित रहे।

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