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प्रेम का प्रतीक नहीं है ताजमहल, बस्तर में राम कार्यक्रम में बोले कुमार विश्वास
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Bastar Pandum 2025: प्रेम का प्रतीक नहीं है ताजमहल, बस्तर में राम कार्यक्रम में बोले कुमार विश्वास

Deeksha Mehra
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4 April 2025 10:41 AM IST

Kumar Vishwas in Bastar Mein Ram : छत्तीसगढ़। दंतेवाड़ा में आयोजित 'बस्तर में राम' कार्यक्रम में मशहूर कवि डॉ. कुमार विश्वास ने अपनी बेबाक राय और भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी का दिल जीत लिया। 3 अप्रैल 2025 को बस्तर पंडुम उत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने प्रभु श्रीराम के दंडकारण्य से जुड़े प्रसंगों को काव्यात्मक अंदाज में पेश किया।

लगभग 2 घंटे तक चले इस आयोजन में उन्होंने न केवल राम कथा सुनाई, बल्कि ताज महल को प्रेम का प्रतीक मानने की अवधारणा पर सवाल उठाए और पाश्चात्य संस्कृति की आलोचना भी की। इस दौरान छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, बस्तर IG सुंदरराज पी, CRPF के अधिकारी और पड़ोसी जिलों के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।

दशरथ मांझी को बताया सच्चा प्रेम प्रतीक

कुमार विश्वास ने ताज महल को प्रेम का प्रतीक मानने वाली धारणा को खारिज करते हुए कहा, "आगरा का ताज महल प्रेम का प्रतीक नहीं है। विदेशी मेहमानों को कब्र दिखाने न ले जाएं। शाहजहां की न जाने कितनी बेगम थीं, कौन सी नंबर की बेगम के लिए उन्होंने ताज महल बनवाया? जिस बेगम के लिए ताज बनवाया, शाहजहां उसके दूसरे पति थे।

पहले पति को युद्ध में मरवा दिया गया या मारा गया।" उन्होंने सच्चे प्रेम का प्रतीक दशरथ मांझी को बताते हुए कहा, "प्रेम का असली प्रतीक दशरथ मांझी का हथौड़ा है। उन्होंने अपनी पत्नी की याद में पहाड़ चीरकर रास्ता बना दिया। अगर प्रेम की कहानी सुनानी है, तो दशरथ मांझी की सुनाएं।"

पाश्चात्य संस्कृति पर भड़के विश्वास

कुमार विश्वास ने पश्चिमी सभ्यता पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, "पाश्चात्य संस्कृति ने हमारे दिमाग में एक गंदगी भर दी है, वो है सिविलाइजेशन। यानी तुम जो करते हो वो सिविल, और दूसरा जो करता है वो अनसिविल।" उन्होंने भारतीय परंपराओं की तारीफ करते हुए कहा, "जींस-टीशर्ट हमारी संस्कृति नहीं, धोती-कुर्ता हमारी पहचान है। माथे पर बिंदी लगाकर श्रृंगार करने वाली बस्तर की महिला अपनी संस्कृति को दर्शाती है।"

मां दंतेश्वरी से मांगी मुराद

मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन के अपने अनुभव को साझा करते हुए कुमार विश्वास ने कहा, "मैं मां दंतेश्वरी के चरणों में लेट गया, लेकिन अपने लिए कुछ नहीं मांगा। मेरे मुख से कुछ निकला ही नहीं। लेकिन अब इस मंच से मैं मां से एक ही मुराद मांगता हूं कि मुझे इतना कौशल, सामर्थ्य और शक्ति दें कि वामपंथ की ओर जा रही पीढ़ी को मैं राम पथ पर ला सकूं।" उन्होंने दिल्ली में बस्तर को लेकर फैलाई जा रही गलत धारणाओं पर भी निशाना साधा और कहा, "दिल्ली में बस्तर को लेकर गलत बातें करने वालों की एक अलग यूनिवर्सिटी बना दी गई है।"

बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता का लिया आनंद

कुमार विश्वास ने बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता की जमकर तारीफ की। उन्होंने बताया, "दिल्ली से दंतेवाड़ा आने पर लोगों को आश्चर्य हुआ। मैंने यहां के झरनों में स्नान किया, पहाड़ों में घूमा। कल मैं इसका वीडियो पोस्ट करूंगा। जब मैं इंद्रावती नदी में जा रहा था, तो एक सुरक्षाकर्मी ने मुझे आगे जाने से रोका और कहा कि पानी ज्यादा है। मैंने उससे कहा, डरो मत, ये इंद्रावती मां है, और मां मुझे अपनी गोद में उठाकर ले जा रही हैं।"

बस्तर में हवाई सेवाओं के विस्तार की घोषणा

कुमार विश्वास ने बस्तर में हवाई सेवाओं के विस्तार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "देश के उड्डयन मंत्री मेरे मित्र हैं। मैं उनसे मिलकर जगदलपुर और बिलासपुर में हवाई सेवाओं के विस्तार की बात करूंगा। यहां और फ्लाइट्स शुरू होनी चाहिए।" उन्होंने मंच से यह भी घोषणा की, "अगली बार मैं जगदलपुर आऊंगा और वहां राम नाम से 5 दिनों का कार्यक्रम करूंगा।"

बता दें कि, कार्यक्रम को शाम 6 बजे शुरू होना था, लेकिन अचानक मौसम बदलने और बारिश होने के कारण भीड़ जुटने में देरी हुई। आयोजन रात 7:00 से 7:30 के बीच शुरू हुआ। भीड़ के पहुंचने तक कुमार विश्वास की टीम ने भजन-कीर्तन के जरिए माहौल बनाए रखा।

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