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PWD विभाग में AC रिपेयरिंग घोटाला, सदन में कांग्रेस विधायक के सवालों से घिरे अरुण साव
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AC Repairing Scam: PWD विभाग में AC रिपेयरिंग घोटाला, सदन में कांग्रेस विधायक के सवालों से घिरे अरुण साव

Deeksha Mehra
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17 March 2025 3:42 PM IST

AC Repairing Scam in PWD : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह PWD विभाग में AC रिपेयरिंग घोटाले का मुद्दा उठाया है। छत्‍तीसगढ़ में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों पर एसी रिपेयरिंग के नाम पर करोड़ों रुपए की गड़बड़ी का आरोप लगा है। कांग्रेस विधायक ने इसको लेकर PWD विभाग के मंत्री अरुण साव पर जमकर सवाल दागे हैं। विधायक राघवेंद्र सिंह ने पूछा कि 1 अक्टूबर 2019 से 31 दिसंबर 2024 तक विभाग ने कितने स्थानों पर मरम्मत और विद्युतीकरण कार्य कराए और इनके लिए कितनी राशि खर्च की गई।

कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने बताया कि PWD अधिकारियों ने AC रिपेयरिंग के नाम पर 2.66 लाख रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने मंत्री से पूछा कि 40 हजार रुपए की AC को इतनी बड़ी राशि में कैसे ठीक किया गया। इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकारी भवनों के बिना ही भुगतान किया गया है? अगर हां तो कितनी राशि का भुगतान किया?

इसके अलावा विधायक राघवेंद्र ने कहा कि विद्युत यांत्रिकी विभाग में 100 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का मामला है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों ने न तो RTI के जरिए पूछे सवालों का जवाब दिया है और न ही विधानसभा में इसकी जानकारी दी है।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि 100 करोड़ रुपए कहां और कैसे खर्च किए गए, इसकी जानकारी छिपाई जा रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी इस मामले को आगे बढ़ाते हुए मंत्री से पूछा कि क्या बिना स्थान और कार्य के भुगतान करना अनियमितता की श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने यह भी पूछा कि अगर गाइडलाइन जारी करने की जरूरत पड़ी है, तो इसका मतलब है कि विभाग में गड़बड़ी हो रही है।

मंत्री अरुण साव ने कहा कि शासकीय धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भवन का उल्लेख माप पुस्तिका में होना चाहिए।

हालांकि, विधायक राघवेंद्र सिंह ने जवाब में कहा कि उन्हें शिकायतों के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई है। विधायक राघवेंद्र सिंह ने मांग की है कि इस पूरे मामले की गहन जांच की जाए और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सरकारी धन का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।


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