सोनागिरी स्थित बीमा अस्पताल केंद्र सरकार के अधीन होने के बाद भी लगातार समस्याओं से जूझ रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और दवाओं की अनुपलब्धता के कारण मरीज परेशान हैं। अस्पताल का सर्वर लगातार तीसरे दिन शनिवार को भी डाउन रहा, जिससे पूरा काम ठप हो गया और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ऑफलाइन पर्ची भी जारी नहीं
प्रबंधन ने ऑफलाइन पर्ची भी नहीं बनाई, जिसके कारण बड़ी संख्या में मरीजों की कतारें लग गईं। अंततः दोपहर 3 बजे तक इंतजार करने के बाद कई मरीज बिना इलाज कराए वापस लौट गए। आज भी दोपहर तक सर्वर शुरू न होने के कारण पंजीयन नहीं हो पाए।
डॉक्टर और दवा दोनों की कमी, मरीज बेहाल
राजधानी के सोनागिरी स्थित ईएसआई अस्पताल की अव्यवस्था के कारण हर दिन सैकड़ों मरीज इलाज के दौरान भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं। श्रमिक वर्ग के लिए बनाए गए इस अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों की कमी, दवाओं की अनुपलब्धता और खराब सुविधाओं के चलते मरीजों को अस्पताल के लगातार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। समय पर उचित इलाज भी नहीं मिल पा रहा।
इनका कहना है…
“सुबह लोड ज्यादा रहता है, तभी सर्वर में दिक्कत आई थी। यह समस्या मुख्यालय स्तर की है। अस्पताल इसे सीधे ठीक नहीं कर सकता। शनिवार की दोपहर के बाद सर्वर शुरू होने से पर्ची बन पाई। हम अस्पताल आए मरीजों को हर संभव सुविधाएँ देने का प्रयास कर रहे हैं।”
- डॉ. प्रमेंद्र कुमार, अधीक्षक, बीमा अस्पताल भोपाल
“बीमा अस्पताल में समस्याएँ सिर्फ रजिस्ट्रेशन तक सीमित नहीं हैं। यहाँ मरीजों को रोजाना कई तरह की दिक्कतें होती हैं। डॉक्टरों और नर्सों की कमी, दवाओं की अनुपलब्धता और खराब सुविधाओं के कारण श्रमिकों को ढंग का इलाज नहीं मिल पाता, जबकि हर महीने उनकी सैलरी से इलाज के लिए करोड़ों रुपए काटे जाते हैं।”
- दीपक गुप्ता, श्रमिक कांग्रेस संगठन, भेल भोपाल