भोपाल की पहचान बनेगा ‘विरासत का विराट प्रवेश’: शहर में बनेंगे 9 भव्य द्वार

Update: 2025-12-07 04:11 GMT

भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, सम्राट अशोक और विक्रमादित्य के नाम पर होंगे द्वार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राजधानी भोपाल के गौरवशाली अतीत और सांस्कृतिक पहचान को उजागर करने के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसी कड़ी में भोपाल के विभिन्न मार्गों पर भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, सम्राट अशोक, सम्राट विक्रमादित्य सहित महान व्यक्तित्वों के नाम पर 9 भव्य द्वार बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि राजा भोज के शासन के 1000 वर्ष पूर्ण होने पर भोज-नर्मदा द्वार का भूमिपूजन किया गया था और अब सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर बनने वाले द्वार का भूमिपूजन भी आगामी दिनों में किया जाएगा।

समत्व भवन में आयोजित अभिनंदन समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के निर्वाण दिवस पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में ‘चाय वाला’ प्रधानमंत्री और ‘गाय वाला’ मुख्यमंत्री होना भारत की लोकतांत्रिक विरासत का जीवंत प्रमाण है।

धार्मिक विरासत और सांस्कृतिक वैभव का उल्लेख

मुख्यमंत्री ने अयोध्या, काशी और उज्जैन के महाकाल लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि विरासत का पुनरुत्थान भारत की आध्यात्मिक पहचान को वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की भूमि भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा, सुदामा–कृष्ण की मित्रता और सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन की प्रतीक रही है। इसी गौरव को जीवंत करने के लिए भोपाल में बनने वाले द्वार भारतीय संस्कृति के अद्वितीय प्रतीक होंगे।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में विरासत के साथ विकास का संतुलित मॉडल तेजी से आगे बढ़ रहा है।

गौसंवर्धन एवं कामधेनु योजना पर जोर

सनातन संस्कृति में गौमाता के महत्व पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गाय मानव समाज के पोषण और करुणा की प्रतिमा है। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के संचालन और गौपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार आवश्यक सहयोग प्रदान कर रही है। साथ ही डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना के माध्यम से गौपालन को सशक्त किया जा रहा है।

दो वर्ष की उपलब्धियों पर नागरिक अभिनंदन

विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विकास का एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसमें विरासत और आधुनिक विकास का अद्भुत संगम है। दो वर्ष पूर्ण होने पर नागरिकों ने मुख्यमंत्री को गजमाला पहनाकर उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भोपाल के प्रवेश द्वार सांस्कृतिक भव्यता के प्रतीक बनकर उभरेंगे। समारोह में श्री राहुल कोठारी, श्री तीरथदास सिन्हा सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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