योगी सरकार शुरू करेगी 'एक जिला-एक खाना' स्कीम: हर जिले की खास डिश को मिलेगी ब्रांड पहचान
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक नई पहल, 'एक जिला, एक खाना', शुरू करने जा रही है। इसका उद्देश्य हर जिले की पारंपरिक डिश को एक खास ब्रांड यानी पहचान देना और पूरे राज्य में नए आर्थिक अवसर पैदा करना है। यह पहल ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर उत्तर प्रदेश की खान-पान की विरासत को बढ़ावा देने की एक बड़ी कोशिश है।
एक जिला-एक प्रोडक्ट' की सफलता को दोहराना
यह प्रस्ताव राज्य की 'एक जिला, एक प्रोडक्ट' स्कीम की सफलता को दोहराने की दिशा में है, जिसमें लोकल खाने की परंपराओं को भी वैसा ही समर्थन मिलेगा। सरकार का मानना है कि इस कदम से पर्यटन, खाने-पीने के व्यवसाय और ग्रामीण रोजगार में बढ़ोतरी हो सकती है।
पारंपरिक रेसिपी और प्रमोशन
इस योजना के तहत हर जिले की खास रेसिपी, सामग्री और खाना पकाने के तरीकों को डॉक्यूमेंट किया जाएगा और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में प्रमोट किया जाएगा। इस पहल से कई पारंपरिक डिश को फिर से लोकप्रिय बनाने की भी उम्मीद है, जो लोगों की थाली और यादों से धुंधली हो गई हैं। इससे उन्हें नई पहचान और मार्केट वैल्यू मिलेगी। यदि इसे लागू किया जाता है, तो यह प्रोग्राम लोकल खान-पान की कलाओं से जुड़े हजारों परिवारों को लाभ पहुंचा सकता है।
किसानों और ग्रामीणों की आय बढ़ेगी
सरकार को उम्मीद है कि इस स्कीम से अनाज, दालें, मसाले, सब्जियां, दूध और तेल जैसी कृषि वस्तुओं की अच्छी मांग पैदा होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा।
इस साल की शुरुआत में लखनऊ के लखनवी खाने को यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क फॉर गैस्ट्रोनॉमी में शामिल किया गया था। यह लखनऊ की खाने की परंपराओं और शानदार इतिहास का सबूत था, जिसने लोकल लोगों और पर्यटकों को अपने स्वादों की मिश्रित संस्कृति के जरिए ‘मिनी-इंडिया’ का अनुभव दिया।