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अब पाकिस्तान में लगे आजादी के नारे

भारत के कश्मीर में पाकिस्तान संरक्षित संस्थाओं द्वारा वहां के नागरिकों से आजादी के नारे लगवाए जाते थे। पाकिस्तान की यह चाल निश्चित रुप से कश्मीर में अलगाव फैलाने का षड्यंत्र ही था। वर्तमान में पूरे भारत में पाकिस्तान की इस चाल का खुलासा भी हो चुका है, इसी कारण भारत विरोधी गतिविधियों के कारण ही अलगाववादी नेताओं द्वारा की जा रही फंडिंग को लेकर भारत ने बड़ी कार्रवाई भी की है। इसके बाद भारत के कश्मीर में अब पत्थरबाजी की घटनाओं पर विराम लग चुका है। पाकिस्तान ने लम्बे समय तक कश्मीर के युवाओं को बरगलाकर उन्हें दिशा भ्रमित करने का काम किया था। इसी कारण कश्मीर का युवा पाकिस्तान की बातों में आकर अपनी आजादी की मांग करने लगा था। अब ऐसे ही हालातों से पाकिस्तान भी गुजरने लगा है, वहां भी आजादी के नारे लगने लगे हैं। अभी हाल ही में पाकिस्तान के पश्तून नागरिकों ने जोरदार प्रदर्शन कर अपनी आजादी की मांग की है।

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में प्रेस क्लब के बाहर हजारों पश्तून लोगों ने इकट्ठा होकर अपनी आजादी की मांग में आवाज उठाई है। पश्तून समुदाय के लोगों ने पाकिस्तान में उनके मानवाधिकारों के उल्लंघन को मुद्दा बनाते हुए देश से अलग होने की मांग की है। हजारों की संख्या में पश्तूनी नागरिकों ने कराची में हुए एक फर्जी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए पश्तून नाकीब महसूद के लिए लंबी पैदल यात्रा भी निकाली। इस प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान में गहमागहमी का वातावरण बन गया है। इससे एक बात यह भी सिद्ध होती है कि जो दूसरे के घर में आग लगाते हैं, उसी आग में उसका स्वयं का घर भी जल जाता है। पाकिस्तान के हालात को देखकर ऐसा ही कहा जा सकता है कि उसने जो खेल कश्मीर में खेला था, पाकिस्तान आज वैसे ही खेल का शिकार होता जा रहा है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में तो पहले से ही अपनी आजादी की मांग के समर्थन में प्रदर्शन होते रहे हैं, इसके साथ ही कभी कभी सिंध प्रांत में ऐसे स्वर मुखरित होते रहे हैं। अब सिंध के पश्तून नागरिकों ने अपनी आजादी की मांग उठाई है। जो यह संकेत करता है कि निकट भविष्य में पाकिस्तान बिखर सकता है। इसका कारण यही निकाला जा सकता है कि पाकिस्तान ने अपने नागरिकों को शिक्षा भी ऐसी ही दी है जो अलगाव का कारण बने, और इसी कारण ही पाकिस्तान में क्षेत्रीयता का भेदभाव भी चरम पर है। पश्तून नागरिकों ने जो प्रदर्शन किया है, उसके बाद हालांकि पाकिस्तान की सिंध प्रांत की सरकार ने उनकी मांग को मानकर एक जांच समिति भी बना दी है।

उल्लेखनीय है कि गत 13 जनवरी को पुलिस ने झूठे आरोप लगाकर पश्तून नागरिक नाकीब महसूद को फर्जी मुठभेड़ में मार दिया था। इसके बाद जांच आयोग ने मुठभेड़ को फर्जी बताकर नाकीब महसूद को निर्दोष करार दिया था। इस घटना के सामने आने के बाद वजीरिस्तान के पश्तून युवाओं ने मानवाधिकार उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ खैबर पख्तूनख्वा से लंबी यात्रा शुरू की। प्रदर्शनकारियों ने जोरदार ढंग से पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना पश्तूनों को खत्म करने के लिए काम कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद, मानव अधिकारों का उल्लंघन और फाटा में चल रहे पश्तून नरसंहार के बारे में तुरंत संज्ञान लेने की मांग की है।

Updated : 5 Feb 2018 12:00 AM GMT
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