Home > Archived > दिवालिया होने की कगार पर एयरसेल

दिवालिया होने की कगार पर एयरसेल

दिवालिया होने की कगार पर एयरसेल
X

मुंबई। दूरसंचार कंपनी एयरसेल अब दिवालिया होने की कगार पर आ गई है। कंपनी ने बाजार नियामक और ट्रिब्यूनल के पास अर्जी दे दी है। ऐसे में कंपनी का संचालन बंद हो जाएगा और ने देश के सभी सर्कल्स में इसकी सेवाएं भी बंद हो जाएंगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, एयरसेल कंपनी ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एंसीएलटी) में एक आवेदन दाखिल करते हुए दिवालिया होने की सूचना दी है। कंपनी ने अपने मैनेजिंग बोर्ड को भंग कर दिया है। दिवालिया घोषित होने के बाद एयरसेल कंपनी बंद हो जाएगी और दूरसंचार बाजार में एयरटेल, जियो, वोडाफोन और आइडिया के बीच स्पर्धा तेज हो जाएगी। पिछले साल जियो के लांच होने के बाद से ही सभी टेलीकॉम कंपनियों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई है।

निजी कंपनियों के साथ ही सरकारी क्षेत्र की कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल भी मार्केट में अपनी खस्ताहालत को लेकर जूझ रही हैं। आर्थिक कमजोरी का सामना कर रही आइडिया और वोडाफोन का मर्जर पूरा होने पर टेलीकॉम मार्केट में सिर्फ तीन खिलाड़ी रह जाएंगे। रिलायंस कम्युनिकेशन आरकॉम ने पहले ही अपना कारोबार समेत लिया है। आरकॉम के खिलाफ भी बैंकरों और चीन की डेवलपमेंट बसिंक ने ट्रिब्यूनल के पास दिवालिया याचिका दायर कर चुकी हैं। ऐसे में एयरसेल कंपनी का दिवालिया होना इस सेक्टर की बढ़ती चुनौतियों की ओर ही इंगित कर रही है। सूत्रों के अनुसार एयरसेल दिवालिया होने से बच सकती थी। मलेशिया की पैरेंट कंपनी मैक्सिस ने एयरसेल में निवेश करने की इच्छा जताई थी, लेकिन तकनीकी व कानूनी अड़चनों को देखते हुए मैक्सिस ने अपना इरादा बदल दिया । बता दें कि एयरसेल कंपनी अपने कर्जदारों से सितंबर से ही 15500 करोड़ रुपए के कर्ज को रिस्ट्रक्चर करने के संदर्भ में बातचीत कर रही है। एयरसेल ने आर्थिक संकट के कारण कर्ज का भुगतान भी नहीं किया है, इससे कंपनी का कर्ज रिस्ट्रक्चर नहीं हो पाया। रिजर्व बैंक ने भी कंपनी के सभी डेट री-स्ट्रक्चरिंग स्कीम पर पाबंदी लगा दिया था, जिसकी वजह से एयरसेल ने छह सर्कलों में अपना परिचालन बन्द कर दिया था। एयरसेल के इस तरह बंद होने से कंपनी के हजारों कर्मचारियों के साथ ही वेंडर्स, पार्टनर, टॉवर ऑपरेटर जीटीएल इंफ्रा, भारती इंफ्राटेल, इंडस टॉलर और एटीसी पर भी असर पड़ेगा।

Updated : 22 Feb 2018 12:00 AM GMT
Next Story
Top