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लापरवाही से झुलसे युवक के पैर, स्टॉफ की मदद से मिला उपचार

लापरवाही से झुलसे युवक के पैर, स्टॉफ की मदद से मिला उपचार
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मामला जयारोग्य चिकित्सालय का बेटे के दर्द को देख रोती रही मां, चिकित्सकों ने किया बाहर


ग्वालियर, न.सं.। जयारोग्य चिकित्सालय की बदइंतजामी और चिकित्सकों की लापरवाही आए दिन उजागर होती रहती है। इसी के चलते इस बार एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें अस्पताल की बदइंतजामी और चिकित्सकों की लापरवाही ने एक युवक के दोनों पैर झुलसा दिए। जिसके उपचार के लिए युवक की मां चिकित्सकों से गुहार लगाती रही और चिकित्सकों ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। यहां तक कि सड़क पर लेटे अपने बेटे को तड़पता देख मां ने उसका दर्द कम करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए, बाद में कुछ राहगीरों की मदद से उसे उपचार नसीब हो सका। गोहद निवासी 35 वर्षीय जितेन्द्र पुत्र दयाराम कुशवाह का एक्सीडेंट हुआ था, जिसके चलते उसके हाथ का आॅपरेशन जयारोग्य में ही हुआ था। चिकित्सक ने जितेन्द्र की छुट्टी करते हुए 15 फरवरी को टांके कटवाने के लिए बुलाया था। इसी के चलते जितेन्द्र अपनी मां मुन्नी देवी व अन्य परिजनों के साथ गुरूवार को ओपीडी के कमरा नम्बर 40 में टांके कटवाने सुबह करीब 11.30 बजे पहुंचा था। जहां मौजूद जूनियर चिकित्सक ने जितेन्द्र को टेबल पर बिठाया। इसी बीच जितेन्द्र को चक्कर आ गया और टेबल पर रखा गर्म पानी जितेन्द्र के पैरों पर गिर पड़ा।

गर्म पानी गिरने से जितेन्द्र के दोनों पैर झुलस गए। जिस पर चिकित्सक ने जितेन्द्र को फटकार लगाते हुए टांके तो काट दिए, लेकिन पैरों में कोई दवा नहीं लगाई। पैर झुलस जाने के कारण जितेन्द्र दर्द से तड़पने लगा तो उसकी मां मुन्नी देवी ने चिकित्सक से दवा लगाने की बात कही तो चिकित्सक नाराज हो गए और उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद मुन्नी देवी अपने बेटे को कैजुअल्टी के बाहर पेड़ के नीचे लेकर पहुंची और उसे लिटा दिया। बेटे को दर्द से कराहते देख मां रोने लगी, जिस पर वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसे ग्वारपाठा लगाने की बात कही। इस पर मुन्नी देवी अस्पताल परिसर में ग्वारपाठा का पौधा ढूंढ कर लाई और उसके पैरों में लगा दिया। जिस कारण उसे और जलन होने लगी तो कुछ लोगों ने उसे कोलगेट लगाने की बात कही, जिस पर मुन्नी देवी ने वह भी लगा दिया। लेकिन उसके बाद भी बेटे के पैरों की जलन कम नहीं हुई। युवक को रोता देख वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसे देख हेल्प डेस्क पर मौजूद कर्मचारी अजय भदौरिया वहां पहुंचा और युवक को स्टेÑचर पर लिटा कर कैजुअल्टी में ले गया। जहां सीएमओ डॉ. वीएस तोमर ने उसे इंजेक्शन लगाया और डॉ. प्रशांत श्रीवास्तव को दिखाया। जिसके बाद युवक की ड्रेसिंग हो सकी और वह घर चला गया।

इनका कहना है

चिकित्सक की लापरवाही के कारण मेरे बेटे के पैर झुलस गए थे, उसके बाद भी चिकित्सक ने उसे दवा लगाने की जगह उसे यह कहते हुए बाहर कर दिया कि टांके कट गए हैं अब तुम यहां से जाओ।

मुन्नी देवी, युवक की मां


Updated : 16 Feb 2018 12:00 AM GMT
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