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भारत और यूएई के बीच हुए करार से देश की ऊर्जा सुरक्षा को मिलेगी मजबूती

भारत और यूएई के बीच हुए करार से देश की ऊर्जा सुरक्षा को मिलेगी मजबूती
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नई दिल्ली। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के दौरान हुए दो महत्वपूर्ण समझौतों की जानकारी देते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अब दोनों देशों संबंध ठोस आकार ले चुके हैं| इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा को और अधिक मजबूती मिलेगी। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को यहां आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग का एक बड़ा क्षेत्र बनकर उभरा है| यूएई देश के लिए पांचवां सबसे बड़ा तेल आयातक बन चुका है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग अब सिर्फ कागज या द्विपक्षीय बातचीत तक सीमित नहीं है| यह ठोस आकार ले चुका है।

उन्होंने बताया कि अबूधाबी में लोअर जकुम ऑफशोर तेल क्षेत्र में एक हिस्सेदार की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी मार्च में सामाप्त होने जा रही है| उसमें से 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रियायत पर अबूधाबी नेशनल ऑयल कंपनी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के कंसोर्टियम को देगी। उन्होंने बताया कि इस तेल क्षेत्र से प्रतिदिन 4 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है जो 2025 तक 4.5 लाख बैरल प्रति दिन हो जाएगा। इससे प्रतिवर्ष 17.5 लाख टन कच्चा तेल सस्ती कीमतों पर मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात पहला देश होगा जो भारत में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार कार्यक्रम में भाग लेगा। इससे यूएई की तेल कंपनी मंगलोर में कच्चे तेल के भंडार को भरेगी जिसकी पहली किश्त मई में मिलेगी।

Updated : 13 Feb 2018 12:00 AM GMT
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