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सेहत में सुधार लाती हैं हाथों की मुद्राएं

सेहत में सुधार लाती हैं हाथों की मुद्राएं
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क्या आपने कभी सोचा है कि केवल हाथ की मुद्राएं बदलने से आपकी सेहत में गजब का सुधार या प्रभाव हो सकता है ? हाथ की बनी अलग-अलग मुद्राएं आपके शरीर की शारीरिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक शक्तियों को प्रभावित करती है। हिंदू और बौद्ध धर्म में ये मुद्राएं काफी प्रचलित हैं। आइए जानते हैं कि इन अलग-अलग मुद्राओं का मानव शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

ज्ञान मुद्रा
कैसे करें- इस मुद्रा को अपनाने के लिए अनामिका उंगली को अंगूठे से छुआएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
फायदे- यह आपकी रचनात्मकता, ज्ञान और स्मृति को बेहतर बनाता है। यह विचारों में स्पष्टता लाता है और अनिद्रा से भी बचाता है।
अभ्यास- इस मुद्रा को कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं।
पृथ्वी मुद्रा
कैसे करें- अनामिका उंगली को अंगूठे से छुआएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
फायदे- जीवन शक्ति को बढ़ाता है, आपके शारीरिक और आध्यात्मिक तत्वों को सुधारता है और आपके शरीर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है।
अभ्यास- यह कभी भी किया जा सकता है।

वरुण मुद्रा
कैसे करें- इस मुद्रा को अपनाने के लिए कनिष्ठ उंगली को अंगूठे से छुआएं और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
फायदे- यह शरीर का पानी बनाए रखने में मदद करता है। भावनात्मक स्थिति संतुलित रखने में मदद करता है। ऐंठन और कब्ज के दौरान मदद करता है और मासिक धर्म चक्र को भी नियंत्रित करता है।
अभ्यास- एक दिन में तीन बार करें वो भी पंद्रह मिनट के लिए

वायु मुद्रा
कैसे करें- अपने अंगूठे को तर्जनी उंगली के नाखून से थोड़ा ऊपर रखें और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
फायदे- चिंता और तनाव के दौरान मदद करता है। यदि आप अधीर और अनिर्णीत हैं, तो आप इसका उपयोग कर सकते हैं।
अभ्यास- हर रोज दिन में तीन बार दस से पंद्रह मिनट तक के लिए करें।

शून्य मुद्रा
कैस करें- अपने अंगूठे को मध्यमा के नाखून से थोड़ा सा ऊपर रखें और बाकी की उंगलियों को सीधा रखें।
फायदे- अगर आपके कानो में दर्द है तो आप इस मुद्रा को अपना सकते हैं। यह मंदता को कम करने, आत्मविश्वास और मानसिक अनुभूति को बढ़ावा देने में भी मदद करता है।
अभ्यास- इसे आप रोजाना पांच मिनट करें।

सूर्य मुद्रा
कैसे करें- अनामिका उंगली के ऊपर अंगूठे को रखें और बाकी की उंगलियों को सीधा रखे।
फायदे- यह थायराइड ग्रंथियों को उत्तेजक करने में मदद करता है, अपने पाचन तंत्र में सुधार करता है। यह वजन घटाने में मदद करता है, तनाव और चिंता को भी कम करता है।
अभ्यास- रोजाना इसे पांच से पंद्रह मिनट तक दिन में दो बार करें।
प्राण मुद्रा
कैसे करें- अपनी अनामिका और कनिष्ठ उंगली को अंगूठे से छुआएं और बाकी की उंगिलियों को सीधा रखें।
फायदे- यह जीवन शक्ति में सुधार, मन, शरीर और भावनाओं में स्थि

Updated : 5 Jan 2018 12:00 AM GMT
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