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केंद्र के प्रयासों से पर्यटन उद्योग का विस्‍तार लेता बाजार

केंद्र के प्रयासों से पर्यटन उद्योग का विस्‍तार लेता बाजार
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नीतियां यदि सही दिशा में तुरंत बनाई जाएं तो उसके सदैव परिणाम सकारात्‍मक और किसी भी देश के जनसमुदाय के लिए अत्‍यधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं। पूंजी का प्रवाह इस संदर्भ में किसी देश के लिए जितना अधिक बढ़े उसे उतना ही अच्‍छा माना जाता है। इस दृष्‍ट‍ि से बात यदि आज देश के पर्यटन उद्योग की हो तो भारत में लगातार केंद्र में मोदी राज आने के बाद से बड़े स्‍तर पर विस्‍तार और विदेशी पूंजी का प्रवाह देखने को मिला है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्‍वस्‍तर पर किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि भारत में पर्यटन विकास के लिए विश्‍व बैंक ने 86 समझौतों पर पिछले वर्ष ही हस्ताक्षर किए हैं और अपना पूर्ण सहयोग देने का वायदा किया है। एक तरफ शेयर मार्केट का बाजार देश की आर्थ‍िक नीतियों के कारण विदेशियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर रहा है तो दूसरी ओर आज स्‍थ‍िति यह है कि देश में पर्यटन क्षेत्र अपनी वह छवि बनाने में सफल हो रहा है, जिसके बूते दुनिया के कई देशों से भारत भ्रमण पर आनेवालों की संख्‍या में निरंतर तेजी के साथ इजाफा हो रहा है।

वर्तमान में देखें तो विदेशी पर्यटकों यहां आने का प्रतिशत 19.8 प्रतिशत तक बढ़ा है, जिसमें कि विशेष यह है कि जब से भारत सरकार ने ई-पर्यटक वीजा देना आरंभ किया है, विदेशी पर्यटकों के आगमन में तेजी से वृद्ध‍ि होते हुए यह आज 72 प्रतिशत तक पहुँच गई है। इस लिहाज से भी यदि देखें कि जो पर्यटन मंत्रालय रुपये एवं डॉलर दोनों ही स्‍तर से भारत में हर महीने पर्यटन के जरिए विदेशी मुद्रा आमदनी (एफईई) का आकलन करता है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के भुगतान संतुलन से जुड़े यात्रा प्रमुख के क्रेडिट डेटा पर आधारित होता है तो इसके आंकड़े आज बता रहे हैं कि भारत में विदेशियों से प्राप्‍त आय के अनुसार दिसंबर, 2017 में एफईई 19 हजार 514 करोड़ रुपये रही, जबकि दिसंबर, 2016 में यह 16 हजार 558 करोड़ रुपये और दिसंबर, 2015 में 14 हजार 152 करोड़ रुपये थी। इसे ओर विस्‍तार से देखें तो दिसंबर, 2016 के मुकाबले दिसंबर, 2017 में रुपये के लिहाज से एफईई की वृद्धि दर 17.9 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि दिसंबर, 2015 के मुकाबले दिसंबर, 2016 में यह वृद्धि 17.0 प्रतिशत आंकी गई थी। इस तरह वर्ष 2017 के दौरान एफईई वर्ष 2016 की तुलना में 17.0 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,80,379 करोड़ रुपये हो गई, जबकि वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में यह 14.0 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,54,146 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी।

यदि पर्यटन से विदेशी मुद्रा आमदनी (एफईई) को अमेरिकी डॉलर में देखते हुए इसका आंकलन करें तो यह दिसंबर, 2017 के दौरान अमेरिकी डॉलर के लिहाज से एफईई 3.038 अरब अमेरिकी डॉलर आंकी गई, जबकि यह दिसंबर 2016 में 2.439 अरब अमेरिकी डॉलर और दिसंबर 2015 में 2.126 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज की गई थी। दिसंबर 2016 के मुकाबले दिसंबर 2017 में अमेरिकी डॉलर के लिहाज से एफईई की वृद्धि दर 24.6 प्रतिशत रही, जबकि दिसंबर 2015 की तुलना में दिसंबर 2016 में यह वृद्धि दर 14.7 प्रतिशत रही थी। वर्ष 2017 के दौरान एफईई वर्ष 2016 की तुलना में 20.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 27.693 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई, जबकि वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2016 में यह 8.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 22.923 अरब अमेरिकी डॉलर दर्ज की गई थी। वस्‍तुत: यहां यह तीन वर्ष के आंकड़े बता रहे हैं कि कैसे लगातार देश में पर्यटन उद्योग से हमारा विदेशी पूंजी भण्‍डार समृद्ध हो रहा है। केंद्र की यह एक बहुत बड़ी सफलता मानी जाएगी कि भारत में नोटबंदी और जीएसटी के बाद देशभर में जैसा कि कहा जा रहा है कि इसका असर सभी क्षेत्रों पर गहराई से पड़ा है, महंगाई बढ़ गई है, किंतु इस महंगाई का असर विदेशियों पर बल्‍कि हमारे मुल्‍क से जुड़े बांग्‍लादेश और श्रीलंका तक के लोगों पर नहीं हुआ है, जिनकी कि विश्‍वस्‍तर पर इकोनॉमी स्‍थ‍िति भारत से भी कमजोर है। यहां लगातार विदेशी पर्यटक आ रहे हैं और हिन्‍दुस्‍थान की इकॉनोमी को पर्यटन के जरिए मजबूती देने का प्रयास कर रहे हैं।

भारत में विदेशी पर्यटकों के आगमन (एफटीए) के तथ्‍य कह रहे हैं कि सबसे अधिक बांग्लादेश से 29.65 प्रतिशत पर्यटक भारत भ्रमण के लिए आए हैं। इसके बाद अमेरिका और ब्र‍िटेन से आनेवालों की स्‍थि‍ति है। अमेरिका से 10.24 प्रतिशत, ब्रिटेन 7.04 प्रतिशत, श्रीलंका 3.98 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया से 3.50 प्रतिशत पर्यटक भारत घूमने आए हैं। इसके बाद मलेशि‍या से 3.32 प्रतिशत, जर्मनी 2.57 प्रतिशत, जापान 2.50 प्रतिशत, चीन 2.46 प्रतिशत, कनाडा 2.40 प्रतिशत, नेपाल 2.30 प्रतिशत, फ्रांस 1.86 प्रतिशत, सिंगापुर 1.77 प्रतिशत, कोरिया 1.40 प्रतिशत और अफगानिस्‍तान से 1.21 प्रतिशत लोग भारत दर्शन के लिए आए हैं। इसमें भी कहना होगा कि देश में बढ़ रहे पर्यटकों की संख्‍या में जो सबसे बड़ा इजाफा हुआ, वह वस्‍तुत: ई-पर्यटक वीजा पर आनेवाले विदेशि‍यों के कारण से सबसे अधिक हुआ है। एफटीए की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2016 की संख्‍या 0.69 लाख के मुकाबले सीधे तौर पर 71.0 प्रतिशत की वृद्ध‍ि‍में पर्यटक भारत आए हैं। ई-पर्यटक वीजा सुविधाओं का लाभ उठानेवाले विश्‍व के यदि 15 देशों की सूची देखें तो ब्रिटेन, अमेरिका, चीन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, स्‍पेन, इजरायल, कोरिया गणराज्‍य, ओमान, कनाडा, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया और इटली के लोग भारत को समझने एवं देखने के लिए यहां आए।

अंत में कहा यही जाएगा कि भारत में आज जिस तरह से पर्यटक बढ़ रहे हैं, उसके पीछे केंद्र की मोदी सरकार की वह तमाम कल्‍याणकारी योजनाएं जिम्‍मेदार हैं, जिसके कारण से पर्यटकों का आज पिछली सरकारों के मुकाबले भारत आना अधिक सरल हुआ है। इस दृष्‍ट‍ि से प्रधानमंत्री स्वदेश दर्शन व प्रसाद योजना नरेन्द्र मोदी सरकार की पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत ही विशेष प्रकार की पहल कही जा सकती है। इसके अलावा मोदी सरकार देशभर में तेजी के साथ बुनियादी ढांचा विस्‍तार जैसे कि सड़क एवं परिवहन सुविधाओं, रेलवे, नागरिक उड्डयन और कौशल विकास प्रशिक्षण विस्‍तार में लगी हुई है, आज इसके भी सकारात्‍मक परिणाम आ रहे हैं। वाराणसी जैसे बौद्ध सर्किट के महत्‍वपूर्ण स्‍थलों को हेलिकॉप्‍टर सेवाओं से जोड़ना, महत्‍वपूर्ण पर्यटक स्‍थलों की रेलगाड़ियों में पर्यटकों के लिए विशेष डिब्‍बे, रोजगार बढ़ाने के लिए स्‍थानीय लोगों विशेष रूप से महिलाओं को पर्यटक गाइड के रूप में प्रशिक्षित करना, पर्यटन क्षेत्रों में परिवहन और ठहरने जैसी आधाभूत बुनियादी सुविधाओं में सुधान इन दिनों समुचे भारत में युद्ध स्‍तर पर देखा जा सकता है।

लेखक, हिन्‍दुस्‍थान समाचार न्‍यूज एजेंसी के वरिष्‍ठ पत्रकार एवं फिल्‍म सेंसर बोर्ड एडवाइजरी कमेटी के पूर्व सदस्‍य हैं

Updated : 19 Jan 2018 12:00 AM GMT
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