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सिर्फ भारत में जीवित है गुरु-शिष्य परंपरा: प्रभात झा

सिर्फ भारत में जीवित है गुरु-शिष्य परंपरा: प्रभात झा
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ग्वालियर, न.सं.। गुरु-शिष्य परम्परा सिर्फ भारत में ही जीवित है। अन्य देशों में हेलो-हाय का चलन है। शिक्षक ही विद्या का दान करके राष्ट्र व समाज का निर्माण करता है। यह उद्गार मुख्य अतिथि की आसंदी से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने शिक्षक दिवस के अवसर पर मंगलवार को डॉ. भगवत सहाय सभागार में जनउत्थान न्यास द्वारा 1900 शिक्षकों के सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सुमावली विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार (नीटू) उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संत कृपाल सिंह महाराज ने की। स्वागत भाषण भाजपा नेता, पार्षद एवं जनउत्थान न्यास के अध्यक्ष डॉ. सतीश सिंह सिकरवार ने दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रभात झा ने कहा कि एकलव्य और द्रोणाचार्य ने गुरु-शिष्य परम्परा का निर्वाह किया है। विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जहां आज भी गुरु-शिष्य परम्परा जीवित है। श्री झा ने कहा कि शिक्षक का दायित्व है कि वह अपने श्रेष्ठ कार्यों से बच्चों को शिक्षित करे। अध्यक्षीय उद्बोधन में संत कृपाल सिंह महाराज ने कहा कि पहले गुरु माता-पिता होते हैं। इसके बाद पाठशाला। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्त करने के लिए परिश्रम करना पडेÞगा। इस मौके पर शिक्षकों को शील्ड भेंटकर सम्मानित किया गया। न्यास के सचिव चन्द्रप्रकाश गुप्ता, संयुक्त सचिव अवधेश कौरव एवं कोषाध्यक्ष अवध सिंह धाकरे ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह का संचालन महेन्द्र शुक्ला ने एवं आभार अवधेश कौरव ने व्यक्त किया।

राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान

ग्वालियर विकास समिति द्वारा शिक्षक दिवस पर चेम्बर आॅफ कॉमर्स में आयोजित 40वें शिक्षक अभिनंदन समारोह में 55 शिक्षकों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। शिक्षकों की मेहनत से भारत एक दिन पूरी दुनिया का नेतृत्व करेगा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डॉ. ए.एस. भल्ला, कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार सिंह, जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला एवं संत कृपाल सिंह महाराज सहित कई गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी अशोक आनंद ने किया।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अपना आदर्श मानें शिक्षक: तोमर

आज के शिक्षक यदि पूर्व राष्ट्रपति एवं आदर्श शिक्षक सर्वपल्ली राधाकृष्णन को अपना आदर्श मानकर उन्हीं की तरह बच्चों को शिक्षा प्रदान करें तो शिक्षा के स्तर में बहुत अधिक सुधार होगा। देश की युवा पीढ़ी को भी राधाकृष्णन जी से प्रेरणा लेना चाहिए। यह विचार केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं खनन मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भाजपा महिला मोर्चा जिला ग्वालियर द्वारा शारदा विद्या मंदिर स्कूल गोले का मंदिर में शिक्षक दिवस पर आयोजित आदर्श महिला शिक्षक सम्मान समारोह में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने की। भाजपा महिला मोर्चा द्वारा शिक्षक दिवस पर शहर के विभिन्न वर्गों व क्षेत्रों में बच्चों को शिक्षा देने वाली 61 महिला शिक्षकों को शॉल व श्रीफल प्रदान कर सम्मान किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि सच्चा शिक्षक अपने शिष्यों का उनके माता-पिता से भी ज्यादा ध्यान रखता है। हमारे समय में शिक्षक कक्षा के कमजोर छात्रों का अलग से ध्यान देते थे। भाजपा जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने कहा कि बच्चों की पहली शिक्षक मां होती है, इसलिए महिलाओं से अच्छी शिक्षक कोई नहीं हो सकता है। महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष खुशबू गुप्ता ने कहा कि व्यक्ति व चरित्र निर्माण में शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है, इसलिए एक अच्छा शिक्षक किसी भी व्यक्ति का जीवन सुधार सकता है। शिक्षक जिस प्रकार से चाहे बच्चे को उसी दिशा में मोड सकता है, इसलिए एक अच्छे शिक्षक का जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इस अवसर पर महिला मोर्चा की प्रदेश मंत्री सुमन शर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य व्यंजना मिश्रा, पार्षद बलवीर तोमर, मंडल अध्यक्ष रामप्रकाश परमार, नीरूसिंह ज्ञानी, रेशू राजावत सहित बड़ी संख्या में महिला मोर्चा की कार्यकता, शिक्षिकाएं एवं छात्र उपस्थित थे।

Updated : 6 Sep 2017 12:00 AM GMT
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