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हाईटेक सुविधाओं से लैस लखनऊ मेट्रो, तीन भाषाओं में यात्रियों को देगी जानकारी

हाईटेक सुविधाओं से लैस लखनऊ मेट्रो, तीन भाषाओं में यात्रियों को देगी जानकारी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज मेट्रो टेन शुरू हो जाएगी। केंद्रीय ग्रह मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिखाई हरी झंडी।बता दें कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव का लखनऊ मेट्रो ड्रीम प्रोजेक्ट था। इसके ट्रायल रन को वो हरी झंडी भी दिखा चुके है, लेकिन अब योगी सरकार इसे जनता के लिए शुरू कर देगी। हालांकि अभी ये ट्रेन सिर्फ आठ किलोमीटर का सफर करेगी, लेकिन लखनऊ की एक बडी आबादी को सफर के लिए बेहद सुविधा होगी।

बता दें कि लखनऊ मेट्रो देश की पहली मेट्रो है जिसमें हिन्दी, ऊर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में यात्रियों को जानकारी दी जाएगी। लखनऊ मेट्रो देश के अन्य शहरों की मेट्रो की अपेक्षा अधिक हाईटेक सुविधाओं से लैस है। साथ ही लखनऊ मेट्रो मधुर गीत-संगीत से यात्रियों के सफर को सुहाना भी बनाएगी।

मेट्रो के प्रबंध निदेशक ने बताया कि लखनऊ मेट्रो संगीत के बीच लखनवी अंदाज में संस्कृति के रंग बिखेरेगी। यह देश की पहली ऐसी मेट्रो है, जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी और ऊर्दू की तीन अलग-अलग भाषाओं में यात्रियों को जानकारियां दी जाएंगी। तीन भाषाओं में जानकारी दिए जाने से यात्रियों को खासी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि तीन भाषाओं में जानकारी देने की सुविधा देश के अन्य शहरों में दौड़ रही मेट्रो सेवा में नहीं है। उन्होंने बताया कि लखनऊ मेट्रो अन्य शहरों में दौड़ रही मेट्रो से कहीं अलग और हाईटेक सुविधाओं से लैस है। एक तरफ जहां यात्री सुविधाओं का खासा ख्याल रखा गया है, वहीं सुरक्षा चक्र को भी काफी मजबूत बनाया गया है ताकि यात्री सुरक्षित सफर का अहसास कर सकें। अभी तक जो भी स्टेशन तैयार किए गए हैं, उनके अंदर कदम रखते ही हर तरफ खूबसूरती का अहसास होगा। साथ ही यात्री यह भी महसूस कर सकेंगे कि आप उन कलाकृतियों के बीच में हैं, जो कहीं न कहीं आपके जीवन से जुड़ी हुई हैं।

स्टेशनों से लेकर मेट्रो ट्रेन के अंदर तक साफ सफाई की विशेष व्यवस्था की गई है। साफ-सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए कर्मचारियों की विशेष टीम लगाई गई है। इसके साथ स्टेशनों में लगाए गए कैमरों की मदद से ऐसे लोगों पर नजर रखी जाएगी, जो कचरा आदि फैलाने का प्रयास करेंगे। इसके बाद ऐसे लोगों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था कितनी मजबूत है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मेट्रो की छत के साथ उसके कुछ पहियों पर नजर रखने के लिए भी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से ही कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी हर एक चीज पर आसानी से नजर रख सकेंगे। कोई भी समस्या आने पर समय रहते उसे दूर भी कर सकेंगे।

इसके साथ भीषण गर्मी में यदि तापमान 48 से 50 डिग्री भी पहुंच जाएगा तो उस स्थिति में भी यात्री ट्रेन के अंदर ठंडक का अहसास कर सकेंगे। इसकी वजह यह है कि 48 से 50 डिग्री तापमान को आधार में रखकर ही वातानुकूलित सिस्टम तैयार किया गया है। जिससे यात्रियों को किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

वहीं यदि किसी यात्री ने ट्रेन के अंदर सिगरेट आदि पीने का प्रयास किया तो तत्काल उसे पकड़ लिया जाएगा। इसके लिए ट्रेन के अंदर हाईटेक डिवाइस का प्रयोग किया गया है, साथ ही 32 स्मोक डिटेक्टर लगाए गए हैं। सिगरेट जलने के बाद जैसे ही धुआं निकलेगा, तत्काल अलार्म बजने लगेगा। यह जानकारी मिलते ही मेट्रो कर्मचारी तत्काल एक्शन लेंगे। साथ ही उस व्यक्ति पर भी जुर्माना लगाया जाएगा, जो सिगरेट पीते हुए पकड़ा जाएगा। उन लोगों पर भी नजर रखी जाएगी, जो मेट्रो के अंदर पान-मसाला आदि का सेवन करेंगे।

मेट्रो में डिमर कंट्रोल एलईडी लाइट सिस्टम का प्रयोग किया गया है। इस सिस्टम के माध्यम से बाहर के मौसम के हिसाब से मेट्रो के अंदर लाइटिंग कंट्रोल होगा। यदि बाहर का मौसम साफ है और तेज धूप खिली हुई है तो मेट्रो के अंदर अपने आप रोशनी धीमी हो जाएगी। इस सिस्टम को प्रयोग में लाने की प्रमुख वजह एनर्जी सेविंग भी है। इस सिस्टम के माध्यम से 30 से 35 फीसदी तक एनर्जी सेविंग की जा सकेगी।

मेट्रो में टॉक बैक बटन को भी प्रयोग में लाया गया है। इसके माध्यम से किसी भी आपातकालीन स्थिति में मेट्रो ट्रेन ऑपरेटर से सीधी बातचीत की जा सकेगी। इतना ही नहीं, अगर इस बटन का मिसयूज किया गया तो एक हजार रुपये जुर्माना या सालभर की सजा का भी प्रावधान किया गया है। वहीं किसी भी यात्री ने स्टेशन या मेट्रो के अंदर थूकने का प्रयास किया तो उसके ऊपर 200 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा। मेट्रो कर्मचारी तत्काल संबंधित व्यक्ति से जुर्माना वसूलेंगे।

लखनऊ मेट्रो में पहली बार पेंटोग्राफ का प्रयोग किया गया है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर बिजली की ओवरहेड लाइन टूटती है तो पेंटोग्राफ नीचे गिर जाएगा। जिससे आगे की लाइनें नहीं टूटेंगी और मेट्रो ट्रेन पटरियों पर दौड़ती रहेगी।

मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में लखनऊ मेट्रो के आठ स्टेशनों को सिटी बसों के अलग-अलग रूटों से जोड़ा जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि हर रूट के यात्री बेहद आसान तरीके से मेट्रो स्टेशन तक पहुंच सकेंगे। मेट्रो स्टेशन पर सुनाई देने वाले स्पेशल रेडियो के जरिए ऑटोबायोग्राफी भी सुनाई जाएगी। वहीं मेट्रो की सवारी के दौरान हर स्टेशन पर लखनऊ का नवाबी रंग दिखाई देगा। सीनियर सिटीजन के लिए स्टेशन पर कम ऊंचाई वाले टिकट काउंटर होंगे। मेट्रो की चार कोचों में एक हजार से अधिक लोग सवारी कर सकेंगे।

लखनऊ मेट्रो की कुल 23 में से 19 महिला पायलट होंगी। ड्राइवरलेस ट्रेनों के लिए रास्ते तैयार करने के लिए सीबीटीसी का इस्तेमाल किया जायेगा। इसमें कण्ट्रोल वॉइस सिस्टम के जरिए तेज आवाज को कंट्रोल किया जायेगा। स्टेशन पर एस्क्लेटर्स स्टेयर्स में कपड़ा फंस जाने पर इमरजेंसी बटन मदद करेगी। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए पेड़-पौधों को भी लगाया गया है। मेट्रो में दिव्यांगों के लिए खास इंतजाम किये गए गए हैं। विशेष प्रकार की टाइल्स स्टेशन पर बनाई गई है जिसकी मदद से यात्री प्लेटफॉर्म तक जायेंगे। टिकट की जांच क्यूआर कोड से की जाएगी। सभी स्टेशनों पर अनपेड एरिया में फ्री टॉयलेट की सुविधा होगी। कुछ महीनों के बाद लखनऊ मेट्रो में 10 मिनट की वाई-फाई सुविधा भी शुरू होगी, इसमें दिव्यांगों के लिए खास इंतजाम किया गया है।
गौरतलब है कि लखनऊ मेट्रो के पहले चरण का काम पूरा करने में तीन वर्ष का समय लगा। पहले चरण में मेट्रो को बनाने में चार हजार मजदूर लगे। इसका काम 790 दिन में पूरा हुआ जबकि दो करोड़ 53 लाख 16 हजार रुपये रोज खर्च हुए हैं।

Updated : 5 Sep 2017 12:00 AM GMT
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