इंदौर। किसानों से जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार कोई मुआवजा नहीं दे रही है। महू क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेरछा के कई किसान ऐसे हैं जिनकी वर्ष 1985 में जमीन अधिग्रहित की गई लेकिन मुआवजा नहीं मिला। करीब 30 वर्षों से न्यायालय में मामला लंबित है। किसान अब महारैली कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। सरकार किसानों से जमीन तो ले लेती है मगर उन्हें समय पर मुआवजा नहीं देती है। अधिकारी मुआवजे को लेकर वर्षों तक मामला लंबित रखते हैं। अब किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए 7 सितम्बर को ड्रीमलैण्ड चौराहा महू में महारैली कर रहे है। संघर्ष समिति के संयोजक सुंदरसिंह पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सेना के लिए बेरछा में जमीन दी गई थी। 1985-87 और 1992-93 में यह जमीन सरकार ने ली थी। करीब 30 वर्षों से मुआवजे के लिए किसान और परिवार वाले दर-दर भटक रहे हैं। अब आंदोलन करने को मजबूर हैं। इस संबंध में 7 सितम्बर को महू में महारैली आयोजित की गई है जिसमें बड़ी संख्या में किसान और उनके परिजन शामिल होंगे।
इंदौर। किसानों से जमीन अधिग्रहण के मामले में सरकार कोई मुआवजा नहीं दे रही है। महू क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बेरछा के कई किसान ऐसे हैं जिनकी वर्ष 1985 में जमीन अधिग्रहित की गई लेकिन मुआवजा नहीं मिला। करीब 30 वर्षों से न्यायालय में मामला लंबित है। किसान अब महारैली कर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। सरकार किसानों से जमीन तो ले लेती है मगर उन्हें समय पर मुआवजा नहीं देती है। अधिकारी मुआवजे को लेकर वर्षों तक मामला लंबित रखते हैं। अब किसान सरकार के खिलाफ आंदोलन करते हुए 7 सितम्बर को ड्रीमलैण्ड चौराहा महू में महारैली कर रहे है। संघर्ष समिति के संयोजक सुंदरसिंह पटेल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि सेना के लिए बेरछा में जमीन दी गई थी। 1985-87 और 1992-93 में यह जमीन सरकार ने ली थी। करीब 30 वर्षों से मुआवजे के लिए किसान और परिवार वाले दर-दर भटक रहे हैं। अब आंदोलन करने को मजबूर हैं। इस संबंध में 7 सितम्बर को महू में महारैली आयोजित की गई है जिसमें बड़ी संख्या में किसान और उनके परिजन शामिल होंगे।