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कुणाल घोष ने की फेसबुक पोस्ट मुकुल दा को लेकर

कुणाल घोष ने की फेसबुक पोस्ट मुकुल दा को लेकर
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कोलकाता। एक बार फिर तृणमूल के बहिष्कृत सांसद एवं पत्रकार कुणाल घोष ने तृणमूल द्वारा बहिष्कृत नेता मुकुल राय से सम्बन्धित फेसबुक पर पोस्ट किया है। घोष ने मुकुल राय द्वारा तृणमूल छोड़ने को लेकर साफ कहा है– यदि मुकुल दा वर्ष 2013 में ही पार्टी छोड़ देते तो उनके खिलाफ किसी भी तरह का षड्यन्त्र न रचा जाता।

उधर तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी द्वारा इस मामले में दलीय बहिष्कार की घोषणा करने के बाद भी किसी तरह का नोटिस न देन पर कटाक्ष करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि मुकुल दा आज जो समझ चुके हैं, यदि वे 2013 में ही समझ गए होते तो हमलोगों को किसी भी तरह का षड्यन्त्र का भागीदार नहीं बनना पड़ता। मुकुल दा को भी ‘सस्पेन्ड’ वाला शब्द नहीं सुनना पड़ता। अपने विकृत बयानों को जारी रखते हुए कुणाल घोष ने कहा कि इस मामले में पार्थ दा भी गजब व्यक्ति हैं। वे ‘सस्पेन्ड’ की घोषणा का अभ्यास कर रहे हैं, लेकिन पोस्ट ऑफिस नहीं पहचानते। कुणाल ने बयान जारी रखते हुए कहा कि मुकुल दा को यदि पार्टी से बहिष्कार की चिट्ठी मिलती है तो मैं भी बाकी चिट्ठियों की मांग करूंगा।

मुकुल राय द्वारा तृणमूल छोड़ने के बारे में उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि मुकुल दा ने छोड़ने का निर्णय लिया है तो वे सदस्य पद एवं एमपी पद भी छोड़ेंगे। मैं (कुणाल) खुद अपने को पार्टी का सगा साथी समझता हूं। मैं आज भी दल का सदस्य हूं, चन्दा देता हूं। दल के बीच मेरा समालोचना होती है। मैं सोचता हूं कि मेरे साथ दुराचार हो रहा है। षड्यंत्र रचा जा रहा है। मैं इसका विरोध करता हूं। हमने कभी पार्टी छोड़ने की बात नहीं की। किसी विशेष कारणों से मैंने यदि कुछ कहा भी तो इसका अर्थ यह नहीं कि हम पार्टी छोड़ देंगे। अन्ततः मेरे सदस्य पद त्याग या दल से इस्तीफा देने या चन्दा देना बन्द करने का सवाल नहीं खड़ा होता। इस पोस्ट के अन्त में कुणाल ने लिखा है कि मैं तृणमूल में ही हूं।

Updated : 27 Sep 2017 12:00 AM GMT
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