उच्च न्यायालय में झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह कर रहा है नगर-निगम

उच्च न्यायालय में झूठी रिपोर्ट देकर गुमराह कर रहा है नगर-निगम
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शाम होते ही आवारा पशुओं का अड्डा बन जाता हैं सड़कें
न्यायालय के आदेश को गंभीरता से नहीं मानता नगर-निगम

ग्वालियर/स्वदेश डिजिटल संवाददाता। उच्च न्यायालय को नगर-निगम आवारा मवेशी पकड़ने की झूठी रिपोर्ट देकर प्रत्येक सुनवाई में गुमराह करने का कार्य कर रहा है। नगर-निगम के अधिवक्ता शहर में अतिक्रमण के मामले में प्रस्तुत याचिका में न्यायालय के समक्ष शहर की विभिन्न सड़कों पर आवारा पशुआें को हटाने का दावा और उससे संबंधित फोटाग्राफ तो प्रस्तुत कर रहे हैं,लेकिन निगम के दावे की उस समय पोल खुल जाती है जब महाराज बाड़ा से लेकर दौलतगंज,गस्त का ताजिया और लश्कर क्षेत्र समेत मुरार,उपनगर ग्वालियर और गोला का मंदिर क्षेत्र में शाम ढलते ही आवारा मवेशी सड़कों को अपना ठिकाना बना लेते हैं। इस कारण से कई रास्तों पर जाम लग रहा है। वहीं हादसे भी संभव हो रहे हैं।

नगर-निगम पेश कर रहा झूठ की रिपोर्ट

यहां बता दें कि महाराज बाड़ा समेत कई चौराहों पर जहां हमेशा भीड़भाड़ और यातायात जाम की समस्या रहती है इस समस्या को दूर करने की मांग को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका प्रस्तुत की गई है। कई सालों से न्यायालय में चल रही इस याचिका में कई बार न्यायालय नगर-निगम को फटकार लगा चुकी है,लेकिन इसके बाद भी नगर-निगम सुनवाई के दौरान सिर्फ झूठ की रिपोर्ट प्रस्तुत कर जवाब देता हैं कि आवारा पशुआें को पकड़ने के लिए निगम भरपूर प्रयास कर रहा है। वहीं महाराज बाड़ा समेत कई चौराहों पर जाम न लगे इसके लिए अतिक्रमण हटाया गया है।

अब तक आवरा मवेशी और अतिक्रमण नहीं हटे

हालत इतने ज्यादा खराब हैं कि महाराज बाड़ा पर सुबह 9 बजे से ही टोपी बाजार,सुभाष मार्केट,नजरबाग मार्केट और टोपी बाजार की शुरुआत में फूटपाथी दुकानदार और रेहड़ी संचालक देर रात तक जाम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। वहीं नगर-निगम के अधिकारी-कर्मचारी अपनी जेब भरने में व्यस्त हैं। जबकि हाईकोर्ट के पूर्व के स्पष्ट आदेश हैं कि आवारा मवेशी और अतिक्रमण को हटाया जाए। इसके बाद भी नगर-निगम गंभीरता नहीं बरत रहा है।

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