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केरल हाई कोर्ट ने श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटाया

केरल हाई कोर्ट ने श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटाया
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नई दिल्ली। केरल उच्च न्यायालय ने स्पॉट फिक्सिंग मामले में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा प्रतिबंधित किये गये पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर से आजीवन प्रतिबंध हटा लिया है।

श्रीसंत पर 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण के दौरान स्पॉट फिक्सिंग का आरोप लगाया गया था। सितंबर 2013 में बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाकर उनके करियर को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया।

2015 में दिल्ली के एक सत्र न्यायालय ने दिल्ली पुलिस द्वारा पंजीकृत स्पॉट फिक्सिंग के मामले में उन्हें दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध अधिनियम (मकोका) को लगा दिया गया था। यही नहीं, बीसीसीआई ने इस साल अप्रैल में श्रीसंत की उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध की समीक्षा की थी। बीसीसीआई ने यह याचिका खारिज करते हुए कहा था कि वह भ्रष्टाचार के प्रति अपनी असहनीयता नीति पर कोई समझौता नहीं करेगा।

श्रीसंत ने इस साल मार्च में केरल उच्च न्यायालय से अपने ऊपर लगे प्रतिबंध को हटाने की याचिका दायर की थी, जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें बीसीसीआई से पहले एक समीक्षा याचिका दायर करने को कहा था।

बता दें कि श्रीसंत को स्कॉटलैंड में क्लब क्रिकेट खेलना चाहते थे, लेकिन बीसीसीआई ने उन्हें इसके लिए एनओसी नहीं दिया। इससे नाराज श्रीसंत ने कहा था कि जब मेरे आजीवन प्रतिबंध के बारे में कोई आधिकारिक लेटर नहीं है, तो क्यों अंपायर मुझे खेलने से रोकेंगे? जब मैं तिहाड़ जेल में था तो मुझे सिर्फ एक सस्पेंशन लेटर मिला था। सस्पेंशन लेटर सिर्फ 90 दिनों के लिए वैध होता है। आज तक कोई (बैन को लेकर) आधिकारिक संवाद नहीं हुआ है। मैं बेवकूफ था जो इतने दिनों तक क्रिकेट नहीं खेला। मेरे साथ आतंकवादी से भी ज्यादा खराब व्यवहार किया गया।

Updated : 7 Aug 2017 12:00 AM GMT
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