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बीआरडी मेडिकल कॉलेज की जांच रिर्पोट में खलनायक बने डॉ. कफील खान

बीआरडी मेडिकल कॉलेज की जांच रिर्पोट में खलनायक बने डॉ. कफील खान
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लखनऊ। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई दर्दनाक घटना पर मुख्य सचिव व उनकी टीम की के दस दिनों के बाद आई जांच रिर्पोट में डॉ. कफील खान खलनायक बन का उभरे है। कफील को जांच में कई जगहों पर दोषी पाया गया है।

मुख्य सचिव राजीव कुमार ने मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को जांच रिर्पोट सौंपी और उसके बाद ​दोषियों के विरुद्ध पुलिसिया कार्रवाई शुरू हो गई है।

जांच रिर्पोट के अनुसार नोडल प्रभारी 100 बेड एईएस वार्ड डॉक्टर कफील खान के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई सम्भव है। पूरी रिर्पोट कहती है कि मेडिकल कॉलेज की घटना में अलग-अलग बिन्दुओं पर लापरवाही और मनमानी हुई है। इसमें शासन स्तर से विभिन्न पहलुओं में कार्रवाई होनी है। आपराधिक कार्रवाई के अंतर्गत डॉक्टर कफील खान, पुष्पा सेल्स प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के दोषी अधिकारी, डॉ. सतीश और डॉ. राजीव मिश्रा के नाम तय है। इसमें डॉक्टर कफील जो 100 बेड एईएस वार्ड का नोडल अधिकारी है, उसके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी होनी तय मानी जा रही है। इसके साथ ही कर्तव्यहीनता, अनुत्तरदायी आचरण तथा कर्मचारी आचरण नियमावली के प्रतिकूल आचरण के लिए डॉ. कफील खान समेत पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी सम्भव है।

जांच रिर्पोट के अनुसार प्रमुख रूप से दोषी पाए गए डॉ. कफील खान ने मुख्य चिकित्साधिकारी गोरखपुर के समक्ष तथ्यों को छिपाकर शपथ-पत्र दाखिल करते हुए आईएमए के नियमों के विपरीत कार्य किया है। वह मेडिकल कॉलेज में क्रय समिति के सदस्य भी रहे है। उन्हें ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति के सम्बन्ध में जानकारी रही।

घटना से पहले मुख्यमंत्री के मेडिकल कॉलेज के दौरे के वक्त कफील इर्द-गिर्द घूमते हुए मिले थे लेकिन ऑक्सीजन की बकाया रकम के सम्बन्ध में उन्होंने न तो मुख्यमंत्री के संज्ञान में बात डाली और न ही उच्च अधिकारियों को ही बताया। आगे कफील के खिलाफ गोरखपुर जनपद की गुलहेरिया थाने की पुलिस अपनी कार्रवाई बहुत जल्द कर सकती है।

Updated : 24 Aug 2017 12:00 AM GMT
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