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पीएम मोदी द्वारा बताए गए सात सूत्र अपनाकर करें कृषि होगी आय दोगुनी : भगत

पीएम मोदी द्वारा बताए गए सात सूत्र अपनाकर करें कृषि होगी आय दोगुनी : भगत
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ग्वालियर।
सामूहिक प्रयास एवं उन्नत कृषि प्रौद्योगिकी के उपयोग से सरकार किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिये प्रयासरत है। प्रधानमंत्री ने नई कार्ययोजना के जरिए वर्ष 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। प्रधानमंत्री द्वारा बताए गए 7 सूत्रों को अपनाकर किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। सरकार से भी इस काम में हर संभव सहयोग मिलेगा। यह बात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के 9वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। स्थापना दिवस समारोह के साथ-साथ 'नया भारत मंथन : संकल्प से सिद्धि तक' एवं मधुमक्खी पालन दिवस भी मनाया गया।

शनिवार को कृषि महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में जिले के प्रभारी एवं प्रदेश के किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन भी बतौर सारस्वत अतिथि मंचासीन थे। समारोह की अध्यक्षता रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय विश्वविद्यालय झाँसी के कुलाधिपति डॉ. पंजाब सिंह ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार, प्रमण्डल के सदस्य एवं विधायक दिलीप सिंह शेखावत व लाखन सिंह यादव, बालाघाट जिला पंचायत की अध्यक्ष रेखा बिसेन तथा कृषि विश्वविद्यालय प्रमण्डल के अन्य सदस्यगण मंचासीन थे।

केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन से लेकर प्राकृतिक आपदायें खेती के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर रही हैं। कृषि वैज्ञानिकों को इनका बेहतर समाधान निकालना होगा। उन्होंने राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए कहा कि अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय में कृषि विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देकर अपनी सार्थकता सिद्ध की है। विश्वविद्यालय ने धान, तिलहन, दलहन एवं औषधीय फसलों की नई-नई किस्में विकसित की हैं। साथ ही जल प्रबंधन, मृदा प्रबंधन और उन्नत कृषि तकनीक के क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय अच्छा काम कर रहा है। कृषि के क्षेत्र में सक्षम मानव संसाधन विकसित करने की दिशा में भी विश्वविद्यालय महती भूमिका निभा रहा है।

प्रदेश के कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि किसान राष्ट्र की धरोहर है। केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये गंभीरता के साथ प्रयासरत है। उन्होंने कहा प्रदेश की किसान हितैषी योजनाओं की बदौलत राज्य को पाँचवी बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने जा रहा है। मध्यप्रदेश गेहूँ उत्पादन में पूरे देश में अग्रणी है। वर्तमान में क्वांटिटी फूड की बजाय क्लाविट फूड की जरूरत है। खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश के गेहूँ की मांग दिल्ली व मुम्बई जैसे महानगरों में तेजी से बढ़ी है। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न फसलों के उत्पादन पर प्रकाश डाला। साथ ही कहा कि प्रदेश के सभी 313 विकासखण्डों में मृदा स्वास्थ्य परीक्षण केन्द्र खोले गए हैं, जो एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अल्प वर्षा से खरीफ की फसल प्रभावित हुई है। हम इसकी भरपाई रबी में जरूर कर लेंगे। सरकार ऐसी विपरीत परिस्थतियों में किसानों के साथ पूरी ताकत से खड़ी है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद किसानों से प्रधानमंत्री के सात सूत्रों को अपनाकर कृषि आय दोगुनी करने का आहवान किया।

रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. पंजाब सिंह ने कहा कि नए भारत के उत्थान के लिये हम सब नए संकल्प को समर्पण भाव से अपनायें। उन्होंने कहा आज देश में उत्पादन में वृद्धि से ज्यादा उत्पान के संरक्षण की चुनौती है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में अधोसंरचना विकास की बड़ी आवश्यकता बताई और कहा सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाए हैं। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया और 9 साल की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। समारोह में एक शॉर्ट फिल्म के जरिए सरकार के अभियान न्यू इंडिया मंथन के बारे में जानकारी दी गई। कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंदर कौर ने मधुमक्खी पालन दिवस के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

आरंभ में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर स्थापना दिवस समारोह का विधिवत शुभारंभ किया। विभिन्न कृषि वैज्ञानिकों द्वारा उन्नत कृषि पर लिखी गईं पुस्तकों का विमोचन भी अतिथियों द्वारा भी इस मौके पर किया गया। तकनीकी सत्र में कृषि वैज्ञानिकों ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी एवं कृषकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
ये संकल्प दिलाए

विश्वविद्यालय की कृषि संकाय की अधिष्ठाता डॉ. मृदुला बिल्लौरे द्वारा कृषकों एवं कार्यक्रम में मौजूद प्रतिभागियों को संकल्प से सिद्धि न्यू इंडिया मूवमेंट के तहत संकल्प दिलाए गए। इनमें कृषि से संबंधित 7 सूत्र शामिल हैं। मसलन वर्ष 2022 तक कृषि आय दोगुन करने, आय सुरक्षा के लिये फसलों का बीमा कराने, माटी की सेहत के लिये जैविक खेती अपनाने व सॉइल हैल्थ कार्ड बनवाने, उच्च पैदावार के बीज एवं रोपण सामग्री अपनाने, एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने, कृषि उत्पादों के मूल्यवर्धन एवं सही सुरक्षित भण्डारण का संकल्प शामिल है।

श्रेष्ठ कार्य के लिये इनका हुआ सम्मान

स्थापना दिवस समारोह के साथ आयोजित हुए संकल्प से सिद्धि कार्यक्रम मेंप्रगतिशील कृषक एवं कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया। इनमें झाबुआ के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. आई एस तोमर एवं पादप संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. आर के यादव शामिल हैं। इसी तरह उन्नत कृषक अशोकनगर के राजपाल सिंह नरवरिया, धार के दिनेश पाटीदार व श्रीराम पाटीदार, झाबुआ के बालाराम पाटीदार तथा राष्ट्रीय स्तर पर रजत पदक प्राप्त छात्र मनीष शर्मा को अतिथियों ने सम्मानित किया।

Updated : 19 Aug 2017 12:00 AM GMT
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