चालान की चिंता, लोगों की जान की परवाह नहीं
-वाहनों के जांच के नाम पर पुलिस की तानाशाही
-वाहनों के प्रदूषण से खतरे में जीवन की सांसें
-प्रदूषण नियंत्रण जांच यंत्र नहीं दिखते सड़कों पर
ग्वालियर। वाहन चलाते समय चालक के पास हेलमेट नहीं होने पर पुलिस को उनके चालान काटने की इतनी चिंता है कि वह हर रोज सड़कों पर खड़े होकर चालान की कार्रवाई करती है, लेकिन जो चालक गाड़ी चला रहा हैं या जो लोग सड़कों से आते-जाते हैं, उनकी हर दिन सांसें बढ़ते प्रदूषण से कम हो रही हैं, उसकी पुलिस को तनिक भी परवाह नहीं है।
पुलिस प्रशासन का कई दिनों से अभियान चल रहा है कि वह ग्वालियर की जनता को हेलमेट पहनाकर ही रहेगा। उसके परिणाम भी सार्थक आ रहे हैं और लोग अब हेलमेट पहनने के आदी हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है कि पुलिस ने वाहन चालकों से जमकर चालान वसूला और अपने खजाने में आधा करोड़ से ज्यादा रुपए जमा कर लिए। यह कार्रवाई अब दोमुंही लगती है क्योंकि पुलिस लोगों को नियमों का पाठ तो सिखा रही है, लेकिन पुलिस को सड़कों पर चलने वालों की जान की तनिक भी परवाह नहीं हैं। शहर में बढ़ते वाहनों के प्रदूषण से लोगों की सांसें हर पल कम हो रही हैं। सबसे ज्यादा प्रदूषण विक्रम टेम्पों से होता है, जिनका फिटनेस प्रमाण-पत्र पुलिस शायद कभी देखती ही नहीं है। लाखों की आबादी वाले ग्वालियर शहर में टेम्पो से निकलने वाले जहरीले धुंआ से हजारों लोगों को सांस की बीमारी ने घेर रखा है। कई टेम्पो तो शहर में ऐसे चल रहे हैं, जो कई वर्षों पहले अयोग्य घोषित हो चुके हैं, लेकिन पुलिस की मिली भगत से वह शहर की सड़कों पर जहरीला धुंआ छोड़ते हुए फर्राटे भर रहे हैं। पुलिस को इस बात की तनिक भी चिंता नहीं है कि प्रदूषण वाले वाहनों के खिलाफ चालान की कार्रवाई कर लोगों की जिदंगी को बचाया जाए। शहर में कई स्थान हैं, जहां धुंए के कारण यातायात कर्मचारी का चैकिंग प्वाइंट पर खड़ा होना मुश्किल हो जाता है, लेकिन लेन-देन के लालच में जहरीले धुंए को भी लीलने को वह हंसते-हसंते राजी हैं। वाहन चालकों से हेलमेट की आड़ में हो रही जमकर अवैध वसूली से अब लोग भी परेशान हैं। नियमों का पालन करने वाले लोगों को परेशानी का सामना ज्यादा करना पड़ता है। इ
टेम्पो चालक को जहां दो हाथ, वहीं उसका स्टैण्ड
शहर में आप जहां चाहे वहां टेम्पो को रोक सकते हैं, उसके लिए वहीं पर ही स्टैण्ड है, जबकि प्रशासन ने सवारी वाहनों को रोकने के लिए शहर में जो स्टैण्ड बनाए हैं, उन स्थानों पर लोगों ने कब्जा कर अपने धंधे खोल रखे हैं। पुलिस को यह सब दिखाई नहीं देता है। हैरानी तब होती है, जब पुलिस स्वयं ऐसे स्टैण्डों के पास खड़े होकर चालान की कार्रवाई करती है।
बदहाल यातायात सुधारने के लिए कोई योजना नहीं
सुबह हो या शाम, शहर में कई स्थान ऐसे हैं, जहां अधिकतर समय जाम की समस्या बनी रहती है। पुलिस प्रशासन ने बदहाल यातायात को दुरुस्त करने के लिए कोई योजना नहीं बनाई है। सड़कों पर खुलेआम कारोबार करने वाले अपना सामान रखकर लोगों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। पुलिस और नगर निगम प्रशासन का इस ओर ध्यान ही नहीं है।
मिली भगत से मिलता है फिटनेस सर्टिफिकेट
जहरीला धुंआ छोड़ने वाले सवारी वाहनों के पास परिवहन विभाग द्वारा जारी फिटनेस सर्टिफिकेट होता है। पुलिस की परेशानी यह है कि वह सर्टिफिकेट होने के बाद कार्रवाई नहीं कर सकती है, जबकि ऐसे वाहन बिल्कुल कंडम हालत में हैं।
इनका कहना है
‘अभी हमारा फोकस वाहन चालकों को हेलमेट पहनाना है। इसके बाद और लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को परिवहन विभाग फिटनेस सर्टिफिकेट देता है। पुलिस के साथ और विभागों की भी जवाबदारी बनती है कि वह सहयोग करें।’
अनिल कुमार
पुलिस महानिरीक्षक ग्वालियर जोन