परिवहन चैक पोस्टों पर फिर शुरू हुई ‘सुपर एन्ट्री’

ग्वालियर। परिवहन मंत्री की फटकार के बाद करीब तीन माह पूर्व परिवहन चैक पोस्टों से प्रायवेट कर्मचारी (कटर) हटाकर बंद की गई ‘सुपर एन्ट्री’ व्यवस्था को परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने फिर से चालू करा दिया है। खास बात यह है कि कूपन चस्पा कर सुपर एन्ट्री पहले कटर वसूलते थे, वही एन्ट्री अब परिवहन आरक्षक वसूल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि करीब चार माह पहले तक मध्यप्रदेश में परिवहन चैक पोस्टों पर प्रायवेट व्यक्तियों की तैनाती कर भारी अवैध वसूली कराई जाती रही थी। यह अवैध वसूली वाहन के प्रति चक्कर अथवा मासिक आधार पर कूपन देकर की जाती थी। परिवहन चैक पोस्टों पर अवैध वसूली की खबरों पर संज्ञान लेते हुए परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने परिवहन आयुक्त को करीब तीन माह पूर्व परिवहन चैक पोस्टों से कटर हटाए जाने एवं अवैध वसूली तुरंत रोके जाने के आदेश दिए थे। उस समय दोनों ही आदेशों का पालन तो हुआ, लेकिन परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों ने एक जुलाई से इस व्यवस्था को फिर से लागू कर दिया है। अब प्रदेश के प्रत्येक बैरियर पर 1400 से लेकर 2000 रुपए तक प्रति ट्रक प्रतिमाह के हिसाब से पूर्व की भांति ‘सुपर एन्ट्री’ का कूपन थमाकर अवैध वसूली की जा रही है। इस तरह एक ट्रक एक माह तक प्रदेश के जितने भी बैरियरों से होकर निकलेगा, उसे प्रत्येक बैरियर पर एन्ट्री राशि देकर कूपन खरीदना पड़ रहा है।
इस बार वसूली जा रही सुपर एंट्री में विधिवत रूप से नीले रंग की पर्ची थमाई जा रही है। इस पर्ची को वाहन निरीक्षण रिपोर्ट बताया जा रहा है, जिस पर वाहन क्रमांक, फिटनेश वैधता, बीमा वैधता, परमिट वैधता, प्रदूषण वैधता, ओवरलोड की स्थिति, चालक/परिचालक की लायसेंस वैधता, कर की स्थिति और
आरएलडब्ल्यू कॉलम दर्शाए गए हैं। देखने में यह सरकारी पर्ची लगती है, जिस पर कहीं भी राशि वसूले जाने का उल्लेख नहीं किया जा रहा है। वाहन क्रमांक के साथ कुछ अन्य नम्बरों के माध्यम से वसूली कोड डाले जा रहे हैं। पर्ची पर टोल बैरियर का कोड जरूर नीचे गोल घेरे में दर्शाय जा रहा है। मुरैना का कोर्ड सीपी 06 मुरैना है।
म.प्र. में कब बंद होंगे अवैध वसूली के अड्डे
छत्तीसगढ़ में परिवहन चैक पोस्टों पर अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री रमन सिंह ने त्वरित निर्णय लेते हुए प्रदेश भर के सभी सेल टैक्स व परिवहन चैक पोस्टों को बंद करने एवं इन चैक पोस्टों पर पदस्थ कर्मचारियों को कार्यालय में पदस्थ करने का निर्णय लिया है। भारी भ्रष्टाचार में लिप्त प्रदेश सरकार को बदनाम कर रहे परिवहन विभाग के अधिकारियों पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने जिस सख्ती से कार्रवाई की है, इसलिए मध्यप्रदेश में भी सवाल पूछे जा रहे हैं कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परिवहन विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ इस तरह का कठोर निर्णय कब लेंगे।