आरबीआई करे नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती : एसोचैम

नई दिल्ली। मुद्रास्फीति की दर के पांच सालों में सबसे कम होने और कारखानों के उत्पादन में मंदी का हवाला देते हुए एसोचैम ने आरबीआई के गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल से नीतिगत ब्याज दर में कम से कम 25 आधार की अंक कटौती करने को कहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 2 अगस्त को अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करने वाला है। ऐसे में चैम्बर के महासचिव डी एस रावत ने अपने पत्र में आरबीआई गवर्नर को लिखा है, ‘‘रेपो दर में स्थिरता की लंबी अवधि के बाद एसोचैम का मानना है कि आरबीआई अपनी नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कमी सकता है।’’
खत में उन्होंने कहा है कि उपभोक्ता आधारित मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक दोनों में मुद्रास्फीति में आई कमी को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में कमी के लिए एक मजबूत मामला बनता है।
एसोचैम ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अच्छे मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में और कमी आने के आसार हैं। वहीं पिछले एक साल से कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता के कारण चालू खाता घाटा स्थिर रहा है। फैक्ट्री उत्पादन वृद्धि में गिरावट ने अगले महीने दर कटौती के लिए एक ओर मामला बना दिया है जिसमें जनवरी-मार्च तिमाही में 6.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई ।
एसोचैम ने कहा कि आरबीआई को छोटे और मध्यम उद्यमों और मध्य आकार की कंपनियों से ऋण वसूली के लिए विशेष नियम व्यवस्था लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘हम एसएमई और मिड कार्पोरेट से वसूली को लेकर नरम उपाय नीति में कुछ दिशात्मक मार्गदर्शन की उम्मीद रखते है।’’
उन्होंने कहा कि आरबीआई अगर कटौती करता है तो यह अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में एक बड़ी राहत होगी।