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म.प्र. ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में की है अभूतपूर्व प्रगति: राज्यपाल

म.प्र. ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में की है अभूतपूर्व प्रगति: राज्यपाल
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ग्वालियर। आधुनिक तकनीकों के माध्यम से मध्यप्रदेश ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर द्वारा विकसित व अनुशंसित प्रजातियों और उन्नत उत्पादन तकनीक के माध्यम से राज्य को सोयाबीन व चना का सर्वश्रेष्ठ उत्पादक का गौरव प्राप्त हुआ है। इसके लिए मैं मध्यप्रदेश को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस विवि ने अपनी स्थापना के साथ ही कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है, जिसके लिए मैं विवि को बधाई देना चाहता हूं। यह बात राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने शनिवार को राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के चतुर्थ दीक्षांत समारोह में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सचिव, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान भारत सरकार और महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद प्रो. त्रिलोचन मोहपात्रा उपस्थित थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन एवं कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अनिल कुमार सिंह उपस्थित थे।

दीक्षांत समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दीप प्रज्जवलन एवं राष्ट्रगीत के साथ हुआ। प्रारंभ में कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री सिंह ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। तत्पश्चात राज्यपाल श्री कोहली ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि आज इस विश्वविद्यालय की चार दिवारी से बाहर जब बड़े क्षेत्र में आप लोग पहुंचेंगे तो आपके सामने बहुत सी चुनौतियां आएंगी, जिनका आप लोग साहस और हिम्मत से सामना करेंगे। उन्होंने खाद्य एवं पोषण सुरक्षा, कृषक आय को दोगुना करने के लिए अनुसंधान कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उनमें संशोधन करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री कोहली ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के इस दौर में कृषि प्रणाली, बौद्धिक सम्पदा अधिकार और जल संसाधन जैसे विषयों पर विशेष जोर दिए जाने की आवश्यकता है।

इससे पहले मुख्य अतिथि प्रो. मोहपात्रा ने कहा कि कृषि उत्पादन वृद्धि के क्षेत्र में इस विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय उपलब्धियां अर्जित की हैं। इसका ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश कृषि उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बन सका है। उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भी कृषि के क्षेत्र में नवीन खोजों और तकनीकों के विकास में सहयोग प्रदान किया जाता है। आज कृषि उत्पादन में लगातार वद्धि हो रही है, जो देश के लिए गौरव की बात है, लेकिन जब उत्पादन बढ़ता है तो भी किसान की आमदनी बढ़ने की बजाय घट जाती है। प्रो. मोहपात्रा ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में अच्छा उत्पादन होने से फसलों के दामों में कमी आ जाती है और इसका खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता है। इस परिस्थिति का सामना करने के लिए बाजार को सुदृढ़ बनाने की जरूरत है।

कार्यक्रम में वर्ष 2015-16 के 549 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। इस अवसर पर भितरवार क्षेत्र के विधायक लाखन सिंह, सुमावली क्षेत्र के विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार, जीवाजी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. लवली शर्मा, कृषि विवि की अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. मृदुला बिल्लोरे आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। अंत में आभार प्रदर्शन कृषि विवि के कुलसचिव प्रो. डी.एल. कोरी ने किया।

म.प्र. विदेश के बाजारों में भी बेचेगा अपना उत्पादन: बिसेन

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि आज हम यह बात नहीं कह रहे हैं बल्कि पूरी दुनिया कह रही है कि विकास देखना है तो मध्यप्रदेश जाओ। मध्यप्रदेश ने गत वर्ष 184 लाख मैट्रिक टन गेहूं का उत्पादन कर लगातार पांचवीं बार कृषि कर्मण अवार्ड जीता है। प्रदेश आज उत्पादन के क्षेत्र में नम्बर एक पर है। प्याज में तो यह हालत हुई है कि हमारे पास रखने को जगह नहीं है। हमने किसानों से आठ रुपए प्रति किलो प्याज खरीदी और दो रुपए में बेची है। इसके लिए प्रदेश के किसान कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग का अमला बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि हिदुस्तान में म.प्र. आने वाले समय में एक ऐसा राज्य बनेगा, जो हिदुस्तान के लिए तो बाजार में उत्पादन बेचेगा ही, साथ ही विदेशों में भी अपने उत्पादन को बेचेगा।

जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र का लोकार्पण

दीक्षांत समारोह से पूर्व राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के नवीन परिसर में नवनिर्मित जैव प्रौद्योगिकी केन्द्र का लोकार्पण राज्यपाल ओमप्रकाश कोहली सहित अन्य अतिथियों द्वारा किया गया।

चार छात्र-छात्राओं को मिले स्वर्ण पदक

दीक्षांत समारोह में कृषि महाविद्यालय ग्वालियर के छात्र मनोज कुमार नोने को एमएससी कृषि, कृषि महाविद्यालय इन्दौर की कु. पुनीता शर्मा को एमएससी उद्यानिकी, कृषि महाविद्यालय सीहोर की छात्रा कु. निमिषा राज जैन को बीएससी कृषि, कृषि महाविद्यालय मंदसौर की कु. एश्वर्या शर्मा को बीएससी उद्यानिकी में स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके साथ ही कृषि महाविद्यालय ग्वालियर की छात्रा हेमलता धाकड़, इन्दौर के धीरज कुमार गुप्ता एवं कृषि महाविद्यालय सीहोर की छात्रा कु. ज्योति बांगरे को सरताज बहादुर सिन्हा स्मृति पुरस्कार दिया गया।

Updated : 30 July 2017 12:00 AM GMT
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